गांव में बहती नदी किनारे एक महात्मा जी रहते थे सभी को कर्म अपना करना है प्रवचन में प्रतिदिन कहते थे दूर-दूर से श्रोता थे आते सुन-सुन उपदेश वापस जाते धन्य कर रहे थे धरा को जो शरीर को साधन बतलाते प्रातः काल भ्रमण को जाते नदी स्नान कर वापस […]

आओ बच्चों तुम्हें सुनायें एक रोचक मधुर कहानी सत्यधर्म की बातें जिसमें सत्यव्रत और उनकी रानी     राजा का था अटल नियम एक पूर्ण और ठोस नियम जो भी बाजार में बिकने आये नहीं लौटकर वापस जाये     बचा सामान स्वंय खरीदकर वह अपना वचन निभाते थे सत्य […]

  एक पेड़ हमने है देखा खिंची हुई सी लक्ष्मण रेखा हरियाली का चोला डाले पचा प्रदूषण हमको पाले। उसके नीचे पन्थी गाएं ऊपर पक्षी नीड़ बनाएं चहचहाहट दिनभर गूंजे रात सन्नाटा मधुर बनाएं। ईश्वर का अनोखा दूत हम सबका जीवन दाता जन्म पाया दूसरों के लिए अपने फल नहीं […]

मैं हिन्दू तू मुसलमां ये सिख वे ईसाई क्यों झगड़े आपस में जब हैं भाई-भाई सब का खून आपस में मिला क्यों नहीं देते? उजड़े हुए गुलशन को खिला क्यों नहीं देते ? जो वतन की आन खातिर जान देते हैं मातृभूमि को जो ऐसा सम्मान देते हैं उनकी देशभक्ति […]

01ः- राज का रंग चढ़कर बोलता होली के संग। 02ः- घुल गए हैं लाल पीले नीले भी इस होली में। 03ः- पर्व बनते संस्कृति के दूत हमारे यहां। 04 – साफ-सफाई मिलन की ऋतु सी होली आई। 05ः- भेद मिटा के प््रोम रंग घोलने होली है आती। #शशांक मिश्र परिचय:शशांक […]

चौड़ी छाती वालों का, यूँ एक राजनीतिक साल गया। मातृभूमि की सेवा में, फिर एक बेटे का भाल गया॥ वह कोई नहीं तुम्हारा था, बस माँ की आँखों का तारा था। पर अपने छोटे बच्चों का, वह केवल एक सहारा था। यूँ कई बार लड़ते-लड़ते, वह मृत्यु को टाल गया। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।