चार दिन हो गये लेकिन उस कमरे का दरवाजा नहीं खुला, ना कोई गया। मुहल्ले में सिर्फ और सिर्फ़ यही चर्चा तमाम थी। हर शख्स किसी अनहोनी को सोच ससंकीत नजर आ रहा था। परन्तु खास बात यह थी कि कोई भी शख्स कमरे मे जाकर यह जानने का प्रयास […]
यह बीत रही है शाम, सुनो घर आओ। इन नयनन में तुम आज,अभी बस जाओ।। यह नयना सुबह व शाम, ढूंढती तुमको। अब नींद नही दिन रैन, सुनो जी हमको।। सजल नयन मेरी आज, विरह की वेला। कर मो पे तुम उपकार, न रहूँ अकेला।। अब तुम ही हो सरताज, […]
मेधा का सम्मान बचाने, रण करने को वीरों। कर जोड़ के करूँ मैं वीनती, उठो चलो रणधीरो।। आरक्षण है श्राप देश का, इससे इसे उबारे। मेधा को सम्मान दिलाकर, फिर से राष्ट्र सवारें।। आरक्षण की बलि वेदी पर, मेधा मिट ना जाये। राष्ट्र अस्मिता है खतरे में इसको पार लगायें।। […]
शिव ने शक का सर्प ले, किया सहज विश्वास। कण्ठ सजाया,धन्यता करे सर्प आभास। द्वैत तजें,अद्वैत वर, तो रखिए विश्वास। शिव-संदेश न भूलिए, मिटे तभी संत्रास॥ नारी पर श्रद्धा रखें, वही जीवनाधार। नर पर हो विश्वास तो, जीवन सुख-आगार॥ तीन मेखला तीन गुण, सत्-शिव-सुंदर देख। सत्-चित्-आनंद साध्य तब, धर्म-मर्म कर […]
शिव-शिव कह उठ हर सुबह, सुमिर शिवा सो रात। हर बिगड़ी को ले बना, कर न बात बेबात। समय-शिला पर दे बना, कोशिश के नव चित्र। समय-रेत से ले बना, नया घरौंदा मित्र। मिला आँख से आँख तू, समय सुनेगा बात। हर बिगड़ी को ले बना, कर न बात बेबात। […]
शिकवों-शिकायतों ने कहा हाले-दिल सनम। लब सिर्फ़ मुस्कुराते रहे, आँख थी न नम॥ कानों में लगी रुई ने किया काम ही तमाम- हम ही से चूक हो गई फ़ोड़ा नहीं जो बम। उस्ताद अखाड़ा नहीं, दंगल हुआ ?, हुआ। बाकी ने वृक्ष एक भी, जंगल हुआ ? हुआ। दस्तूर जमाने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।