ऊपर बैठा एक मदारी, देखो खेल कैसे खिलाए, हम बन्दर हम भालू रीछ, देख डमरू कैसे बजाए। न मानें हम उनकी बातें,देख लाठी कैसे दिखलाए, ऊपर बैठा एक मदारी,देख खेल कैसे खिलाए।। खेल-खेल में सिखा दिया है हँसते-हँसते रोना, खेल-खेल में सिखा दिया है रोते-रोते हँसना। खेल भी उसका,नियम उसके […]