बचपन से ही राजनीतिक दलों द्वारा गरीबी हटाओ का नारा सुनाया जाता रहा है।चुनावी मौसम में यह नारा कुछ ज्यादा ही हो जाया करती है। यह बात भी सच है कि इसी मुद्दे पर कई बार सरकारे बनी और गिरी, लेकिन गरीबी जस की तस है? कही कम तो कही […]

शांति क्रांति चुनाव न जानती भेद-भाव लोगो में बाँटती। जात-पात नफा नुकसान धर्म मजहब लालच है पहचान। गूस्ताखी करते-फिरते दिन-रात जबकि आज भी सड़को पर सो रहे गरीब अनाथ। एक से बढकर एक योजना फिर भी गरीबो को पड़े सोचना। झूठ फरेब की पहाड़ा नेताओं का है सहारा। देखो आया […]

जल-जल जग करे जल ना करो बर्बाद जो जल का उपयोग करे सदा रहेगा आबाद। जिस गाँव में जल नहीं वो गाँव नर्क समान दूर से ढोकर संचय करे तपती धूप हो आग समान। जल पर चर्चा जब करे कोई न खोजे उपाय सारे प्रवजन छोडकर के भविष्य का हो […]

सात रंग का साज सजा सातो अंगो की टोली रे सतरंगी आसमानो में भी देखो आज होली रे। नीला रंग आज्ञा चक्र का अंतर्ज्ञान, शांति तथा संतोष का धर्म-निरपेक्षता एवं आध्यात्मिक विकास का । बसंत का रंग पीला , यह बौद्धिक्ता, प्रसन्नता, शक्ति तथा भगवान् की भक्ति उल्लास और माधुर्य […]

होली का रंग चढ़ी पीकर भंग मेरी हार्दिक शुभकामना आप के संग।। रंग भरी पिचकारियाँ, खिले चेहरे संग, रंग गिरे शरीर पर, मन मे उठे उमंग। कौन रंग में होली रंगे, कैसे बहे वसंत? भाईचारे रंग होली रंगे,प्रेम संग बहे वसंत। गद गद सारे हो गए, लगा के अंग में […]

अक्सर सुनाती है ‘आवाज’ आहट पर जग जाता हूँ मैं जबसे तू दूर हुई सब कुछ भूल जाता हूँ मैं। याद आता है तेरा बचपन तेरा चहकना ख्यालो में खो जाता हूँ मैं। तेरा छोटी छोटी बातों पर जिद करने की आदत जैसे जीवन की थी ‘डोर’ अब फिसल रही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।