प्रथमा का चाँद मैं था, नित्य मैं हूँ बढ़ रहा। रंगमंच जीवन यह, स्वांग मैं हूँ रच रहा। नृत्य मैं हूँ कर रहा, नित्य मैं हूँ बढ़ रहा। बढ़ता न सूरज है, बढ़ते न तारे हैं, सूरज से ‘रोशन’ हूँ; जग फिर ‘दमक’ रहा। नित्य गति हूँ कर रहा, नित्य […]

(भाग- २)….. ‘मछ्ली’ आज फिर से उड़ना चाह रही है; ‘मछली’ आज फिर से चलना चाह रही है। चाहत पहले भी उड़ने की; है चाहत पर उड़ने की; चाहत सपना है बन बैठा; सच बस खोना है। चमक उठी है आँखें कब से; सपनों से भरी पड़ी; उन सपनो को […]

किससे भय है मुझको,पापा! न आग से, न पानी से, न शेर से, न चीता से, न भूत से, न बेताल से, न किसी आपदा से, सबसे सामना कर लेते हैं हम। तुमने तो ही सिखाया है,पापा! कि मुश्किलों से डटकर मुकाबला करो । मैं करुँगी, और करती हूँ । […]

। ले चलो ऐ ‘अश्व’ मुझको उस धरा के छोर, पाप रहित क्षेत्र हो; तम न हो; हो भोर। भ्रमण करता ‘क्षेत्र’ में; गर्दभ-मति लिए हुए, पशु,प्रेत बन भटक रहा अज्ञात; शून्य से परे। देखता हूँ ‘मन की हलचल’ लोचन का प्रकाश ले, कह न ‘बधिर’; सुन सका न-गूँज अन्तर्रात्मा […]

आखिर किसकी तलाश है तुम्हे धन की? जो क्षणिक है, जो लालच, अहंकार पैदा करता है, जो अपनों से अलग करता है, जो भौतिक जरूरतें ही पूरा कर सकता है। सम्मान की ? उस झूठे सम्मान की चाह, जो अल्पकालिक होता है, जो भय से भी मिलता है, जो निहित […]

पर्वत को तू हिला सकता है; भूतों को तू डरा सकता है; हर दानव को हरा सकता है; जल की बूँदें जला सकता है। तू तो है अनजान, पता न “जीवन कैसे है जीना”; तीन ही सीढ़ी चढ़ा और बोला- खत्म हो गयी सीमा। “बिन पग के न उड़ूँ” सोचते […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।