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इंसानियत पे जुल्म का ये परस्तार कौन है,
लुट रही मासूम बच्चियां,गुनहगार कौन है।
है दिले दिलगीर उनकी मनः शक्ति क्षीण है,
दरमियां क्यों मियान के तलवार अब भी मौन है।
कैसे करे तदबीर जो मासूम-सी बेटी है वो,
लुट गई अस्मत ‘शिवम्’ अशजार में ये कौन है।
आज फिर है शाद दुर्योधन जुए में द्रौपदी,
सायवा इंसान का फिर जानवर-सा कौन है।
इंसान के खदो खाल में था जानवर वहशी-दरिंदा,
लुट गई जो खून से लथपथ मिली,आज यूं बेबस लाचार वो मौन है।
है मावदे जीस्त वो खुदा भी हैरान ये सब देखकर,
जन्म दे माँ बहन-बेटी बिक रही है,जिस्मों का ये खरीददार कौन है ? ? ?
#कुमार शिवम नरेंद्र चौबे
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