मैंने भी मोहब्बत में ख्वाब देखा था, जिगर को गुलाबी फूलों से तोला था। एक तितली जिंदगी में आई थी, खुशियों के रंग वो साथ लाई थी। हर दिशा रोशन-सी लगती थी, मानो वही असली जिंदगी थी। भोर से साँझ बस वही दिखती थी, हर पल मिलने की चाह उठती […]

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उम्र  यूँ रेत-सी फिसलती रही, लाख बंदिशों के बावजूद  बिखरती रही।   ना मुकाम पाया ,ना मुकाम का कोई निशां, जिन्दगी तो मेरी  राह में  निकलती  रही …l अरमां थे कि ख्वाबों का बनाएँगे आशियाना, जोड़ने लगा मैं तिनके –तिनके,चुन –चुन  के   मगर आँधियाँ मुझसे होकर फिर गुजरती रही।   […]

बहुत दूर है तुम्हारे घर से, हमारे घर का किनारा , पर हवा के हर झोंके से , पूछ लेते हैं मेरी जान, हाल तुम्हारा। लोग अक्सर कहते हैं, जिन्दा रहे तो फिर मिलेंगे, पर मेरी जान कहती है, निरंतर मिलते रहे, तो ही जिन्दा रहेंगे। दर्द कितना खुशनसीब है, जिसे पाकर अपनों को याद करते हैं, दौलत कितनी वदनसीब है ,जिसे पाकर लोग, अक्सर अपनों को भूल जाते हैं। इसलिए तो छोड़ दिया सबको, बिना वजह परेशान करना, जब कोई हमें अपना समझता ही नहीं, तो उसे अपनी याद दिलाकर भी क्या करना। जिंदगी गुजर गई, सबको खुश करने में, जो खुश हुए वो अपने नहीं थे, और जो अपने थे मेरी जान, वो भी खुश नहीं हुए। इसलिए संजय कहता है, कर्मो से डरिए , ईश्वर से नहीं, ईश्वर माफ़ कर देता है, परन्तु खुद के कर्म नहीं। #संजय जैन परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।