पानी-पानी हो गया,पानी पानीदार। पनिया उतार देखि के,फफके पानी धार॥ जल ही जीवन है,सुनो,कहें-सुनें सब लोग। जग निरोग रहे कैसे,जल में है सौ रोग॥ पाप धोवन भुवन चली,बाढ़ हिं बढ़ता पाप। जहर लहर लखि,हे सखी! सिसके गंगा आप॥ गंग उमंग संग बहे,निर्मल सरस तरंग। ‘सावन’ मन पावन करे,बदले जीवन रंग॥ […]

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मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत सम्बन्धों को करता मजबूत, रह उपस्थित देते आशीर्वाद देवदूत, देख दृश्य सब रहते अभिभूत, वर्तमान काल में रह खुश भविष्य के सपने संजोते, सच हुए सपने, मिला उन्हें पूत मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत। बढ़ती चकाचौंध सम्बन्धों क़ो रौंद, टूटते रिश्ते, सम्बन्ध पिसते स्वप्न रहने का आजाद, […]

यह सच है कि जीवन में प्यार होना चाहिए, पर प्यार में चरित्र-संस्कार होना चाहिए। मधुमय वचन सुन मन हो प्रसन्न, हर अदा में मोह-चमत्कार होना चाहिए। खुदा भी खुद को भूल जाए, हाय, सादगी संग सोलह श्रृंगार होना चाहिए। ‘सावन’ प्यार है जीवन का दैवीय उपहार, तन-मन पर प्यार […]

टांग पकड़े-पकड़े झम्मन सीधे पिताश्री के पास पहुंचे और बोले-हमारी जात कौन-सी है ? पिता समझदार थे, झम्मन की तरह उज्जड़ नहीं थे। धीरे से बोले-तुझे जात से क्या करना ?  झम्मन ने बोलना शुरू किया-अरे गलती से गुजरात की सरहद में पहुंच गया। पहला प्रश्न-केम छो। हमने भी कह […]

एक मित्र ने कहा, आपको बोलने हेतु मन में एक बात जगी है, जाकेट में ऐसे लगते हो जैसे-जाकेट हेंगर पर टँगी है। आपको देखो तो जादू होता है, खड़ा रहता सामने तुम पण दिखाई नी देता है, कमाल का चेचिस है तुम्हारा जित देखो तित से, एक साँचे में […]

छोड़ो चूल्हा-चौकी रोटी। आओ,पढ़ाई कर लो बेटी॥ घर का बाद में करना काम। जग में रोशन कर लो नाम॥ विदूषी बन महको ज्यों फूल। लो बस्ता,जाओ स्कूल॥ पढ़ो-लिखो,छू लो नभ-चोटी। छोड़ो चूल्हा-चौकी रोटी, आओ,पढ़ाई कर लो बेटी॥ नहीं हो तुम बेटों से कम। शक्ति-स्नेह का हो संगम॥ दम दिखा दो […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।