खत मेरा खोला उसने सबके जाने के बाद दिल हुआ रोशन, शमा बुझाने के बाद ।।1।। महफ़िल चुप थी मेरी चुप्पी के साथ हुआ हंगामा मेरे हलफ उठाने के बाद ।।2।। जो अब तक देखा वो कुछ भी नहीं था कयामत हुआ उनके दुपट्टा गिराने के बाद ।।3।। माँ को […]

वो मेरे घर पे आते नहीं अपने घर पे बुलाते नहीं परीशां खूब है वो भी वजह क्या है बताते नहीं बातें हुई ज़माने भर की पर निगाहों को उठाते नहीं कैसे होगी मंज़िल आसान हया का पर्दा भी गिराते नहीं कैसे मालूम होगी रज़ामंदी इश्क़ अपना तो जताते नहीं […]

कभी खुद का भी दौरा किया कीजिए जो जहर है निगाहों में पिया कीजिए झूठी सूरत,झूठी सीरत और झूठा संसार सच के खिलने का आश्वासन भी दिया कीजिए हँसी मतलबी,आँसू नकली,बेमानी सब बातें ज़ुबाँ ही नहीं,तासीर को भी सिया कीजिए हवा में सारे वायदे,बेशक़्ल सारी तस्वीरें हिसाब को कभी तो […]

जो मकाँ बनाते हैं,वो अपना घर नहीं बना पाते रेगिस्तान में उगने वाले पौधे जड़ नहीं बना पाते जिन्हें आदत हैं औरों के रहमो-करम पे जीने के वो कूबत होते हुए भी अपना डर नहीं बना पाते जो पहचानते हैं इंसानों को सिर्फ औकात से वो कभी किसी के दिल […]

शाम ढले तुम छत पे क्यूँ आते हो मुझे मालूम है चाँद को जलाते हो तुम से ही नहीं रौशन ये जहाँ सारा मुस्कुराकर तुम उसे यह बताते हो होंगे सितारे तुम्हारे हुश्न पर लट्टू गिराके दुपट्टा ये गुमाँ भी भुलाते हो हुई पुरानी तुम्हारी अदाओं की तारीफें रोककर सबकी […]

सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं शायद बातचीत से डरते बहुत हैं मन्दिर-मस्जिद की आड़ लेकर मासूमों पर जुल्म करते बहुत हैं देशभक्त आपके अलावे और भी हैं ऐसा कहें तो आप बिगड़ते बहुत हैं रस्मों-रिवाज़ की नसें काट कर आप चन्दन रोज रगड़ते बहुत हैं जो कलंक मिट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।