कहाँ हो रही चूक, कहाँ हो रही गड़बड़. आखिर क्या आंतरिक इस संसार में झगड़े की जड़।। हे मानव- संयत कर अपना मन, कुछ तो कर चिंतन.. यह सत्य है कि, एक-न-एक दिन होगा। तेरा इस संसार से बिछोह , फिर क्यों करता है- इतना मोह।। काहे को तू मेरा-मेरा […]

अपने और सच्चे, कभी भी साथ नही छोड़ते हैं.. चाहे जैसी मुसीबत हो,साथ में होते हैं। परीक्षा जो लो, मुसीबत में मुँह नहीं मोड़ते हैं, वे तो मतलबी.. यार है जो समय बदलते ही अपनों से रिश्ता तोड़ लेते हैं। ये दोस्त यार नहीं, मतलब परस्त ही लोग होते हैं, […]

मेरा भारत महान है, यह बलिदानों की धरती। अम्बेडकर जैसी विभूति से, अपनी किस्मत सँवरती।। १४ अप्रैल १८९१ को, जन्मे प्यारे भीमराव.. रत्नागिरि जनपद में, अम्बावढ़े गाँव।।। गाँव का लड़का पढ़कर, बन गया डॉ.आम्बेडकर। हर कुप्रथा का विरोध, किया उन्होनें डटकर।। समाज सुधार के काम किए, छोड़ के सारे भोग। […]

निर्भया देश की बेटी थी, है और हमेशा ही रहेगी.. तुम्हारे दुख दर्द की पीड़ा, हर किसी के दिल में रहेगी। उस पर किए गए दुष्कर्म, दुराचारअत्याचार के.. एक दो चार छः लोगों, को अपराधी नहीं मान सकते हैं। दोषी तो वह सभी हैं, जो कहते हैं मेरे हाथ.. कानून […]

मन मत हो निराश, बड़ी सरस जिंदगी.. तू उसे समझने की, कोशिश तो कर। सिर्फ रात-दिन, सपने ही न देख.. उन्हें सच करने की, कोशिश तो कर। सब बातों को, नसीब पर न छोड़.. मसलों को हल करने की, कोशिश तो कर। चाँद पर पहुँची दुनिया, तू हौंसला रख.. कुछ […]

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हम तो ईश्वर को मानते हैं, वही तो सब कुछ है.. हृदय में बसते हैं, दिल में रहते हैं.. दिल में ही बसते हैं, दिल की ही सुनते हैं.. दिल में ही कहते हैं, करना है उनको जो, एहसास कराते हैं। कोई मेरा बुरा करे, मुझको बताते हैं.. बुरा करने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।