एक पक्ष भाव से,लिखा नहीं सु ग्रंथ को, धर्म-कर्म से अभी,रखा नया सुपंथ को। सस्य श्यामला बने,धरा प्रकीर्ति गुंज से, पाप ताप है मिटे विराट अग्निकुञ्ज से॥ देश काल मान का,समृद्ध सार अंक है, हार-जीत जो हुआ,समस्त तार अंक है। नित्य गंध व्याप्त हो,सनेह पुष्प कुंज से, शुद्धता बने रखे,विराट […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
हैं भारत की शान बेटियाँ, गीता और पुराण बेटियाँ। सागर की लहरों-सी मंजुल- नम्र नमित मुस्कान बेटियाँ। गंगा की लहरों-सी कोमल, मानस की रचना-सी निर्मल। सदा सुमंगल बेला पावन- नित अधरों की गान बेटियाँ। कल्पलता-सी मंगल माया, रहती जिनके आँगन छाया। लक्ष्मी विद्या-सी वरदानी- सद्ज्ञानी शुचिमान बेटियाँ। सीता राधा गार्गी […]