जवानों के फ़र्ज़े दरख्त के पत्ते खूब हिलते हैं। ये फौज है यहाँ आदेशों के तूफान रोज चलते हैं॥ सही है कि आदेशों के अनुपालन में कोई स्वार्थ नहीं होता। और सक्षम अधिकारियों का कोई भी आदेश व्यर्थ नहीं होता॥ दिशा एक है,कदम एकसाथ निकलते हैं। ये फौज है,यहाँ आदेशों […]
काव्यभाषा
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