नैनों ने इकरार लिखा

0 0
Read Time1 Minute, 58 Second
rakhi sinh
तस्वीर तेरी जब देखी,मैंने ये श्रंगार लिखा,
अधरों ने तो कुछ न बोला,नैनों ने इकरार लिखा।
बहती सर्द हवा के हाथों,मैंनें भी पैगाम दिए,
तेरी यादों के सपनों को,जाने कितने नाम दिए।
उर उपवन में खिलती कलियाँ,प्रेम-प्रेम महकाती है,
सांसों की धीमी सरगम भी,नाम तुम्हारा गाती है।
अंगड़ाई जब लेती लहरें,सागर ने तब ज्वार लिखा,
अधरों ने तो कुछ न बोला,नैनों ने इकरार लिखा।
तू चंचल लहरों-सा मन में,रोज उफानें भरता है,
खुद को तुझमें खोने से फिर,क्यों दिल इतना डरता है।
मिले प्रेम जब-जब प्रियतम का,मन ये पावन गंगा हो,
जैसे दीपक लौ पर जलकर,इक कुर्बान पतंगा हो।
मैंनें अपने स्वप्नों का बस,तुमको ही हकदार लिखा,
अधरों ने तो कुछ न बोला,नैनों ने इकरार लिखा।
मेरे जीवन मरु में आकर,तुमने ही मधुमास किया,
रीती-सी दुनिया में मेरी,प्रतिपल तुमने खास किया।
मैं प्रेम में प्रिय तुम्हारे बस,आज राधिका हो जाँऊ,
विष में सूरत तेरी देखे,वही साधिका हो जाँऊ।
भूल गई जग सारा मैं बस,तुमको ही संसार लिखा,
अधरों ने तो कुछ न बोला,नैनों ने इकरार लिखा॥

#राखी सिंह ‘शब्दिता'

परिचय : राखी सिंह का कलम नाम `शब्दिता` हैl आप फिलहाल बीएससी में अध्ययनरत हैंl आपका बसेरा गाँव नगला भवानी(खन्दौली) आगरा में हैl राखी सिंह की जन्म तिथि-१० अगस्त १९९९ हैl लेखन कार्य आपका शौक हैl

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बचपन

Wed Jan 17 , 2018
हंसी-ठिठोली आंख-मिचौनी, बचपन के दिन वो चार। स्मृति पटल पर आता जब भी बचपन, हो जाता नव ओज का संचार। खेल-खिलौने गुड्डे-गुड़िया, मिलता निश्छल सबका दुलार। आना-कानी अथक मनमानी, मां की डपट में छिपा रहता प्यार। साथी-संगी का सांझा झोल झपाटा, गुंंथा रहता स्नेह का अटूट धागा। निश्छल तरंग नित […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।