श्रीनाथद्वारा। राजस्थान में श्रीनाथद्वारा के हिंदी सेवा के प्रखर साधक तथा पूर्ण समर्पित व्यक्तित्व स्व. भगवती प्रसाद देवपुरा की स्मृति में १९३७ से स्थापित संस्था साहित्य मंडल(श्रीनाथद्वारा) द्वारा इंदौर की साहित्यकार डॉ.चन्द्रा सायता को ‘काव्य कुसुम’ उपाधि से सम्मानित किया गया। आपको शाल-श्रीफल, उत्तरीय-कण्ठहार,श्रीनाथजी की मोती- जड़ित फ्रेम की हुई […]

इन्दौर। लेखन परंपरावादी नहीं होना चाहिए,वरन मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। सतीश दुबे जी का लेखन मानवतावाद पर आधारित रहा है,क्योंकि वो कभी किसी अंधी दौड़ में शामिल नहीं हुए। यह बात मुख्य अतिथि डॉ.कृष्णा अग्निहोत्री ने कही। अवसर था सृजन संवाद और श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा लघुकथा के […]

इन्दौर के भाषाप्रेमी श्री पाटोदी ने दिया ज्ञापन  मुम्बईl देश की नई शिक्षा नीति पर जाने-माने वैज्ञानिक व `इसरो` के पूर्व अध्यक्ष डॉ.कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन ने आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज का मार्गदर्शन लिया हैl भारत सरकार द्वारा अगले तीस साल के लिए नई शिक्षा नीति निर्धारण का कार्य देश के जाने-माने वैज्ञानिक व […]

इन्दौर। साहित्य संस्था सृजन संवाद और श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा ख्यात साहित्यकार डॉ.सतीश दुबे के प्रथम पुण्य स्मरण पर उनकी अंतिम पुस्तक लघुकथा संग्रह  ‘प्रेम के रंग’ का लोकार्पण कार्यक्रम २४ दिसम्बर रविवार को शाम 4 बजे रखा गया है। संवाद की अध्यक्षा दीपा व्यास ने बताया […]

जयपुर। १८ दिसंबर  को हरीवन गार्डन, मानसरोवर में बेटी फाउंडेशन के तत्वावधान में कल्चरल नेशनल अवार्ड शो का आयोजित किया गया। इसमें फिल्म जगत के कई अभिनेता-अभिनेत्रियों सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजस्थानी फिल्म उध्योग के कई कलाकारों ने भाग लिया।इसी समारोह में कवि कृष्ण कुमार सैनी को भी इस अवार्ड […]

 मुंबईl संविधान की आठवीं अनुसूची और हिंदी के मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथसिंह से प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। इसका नेतृत्व श्याम परांडे(महासचिव अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद) ने कियाl उनके साथ पूर्व राजदूत वीरेंद्र गुप्ता,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अशोक चक्रधर एवं डॉ.राकेश पांडेय आदि रहे। गृहमंत्री से देश की भाषाई अखंडता पर चर्चा हुई और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।