सप्ताह का दिन रविवार,काम होते हैं हज़ार। घर-परिवार में गुज़ार,खुशियां मिलें अपारll मौज सभी मिलकर करो,आया फिर रविवार। अपनों से बातें करो,खुशी गम की हज़ारll नारे झूठे लगा रहे,राजनीति में आज। वादे जनता से किए,नेता जी ने आजll धर्म-जात में बंट गया,देखो अब इंसान। आरक्षण की आग में,जल रहा हिंदुस्तानll […]

दीप घर-घर हम जलाएं दोस्तों। हिन्द को रोशन बनाएं दोस्तोंll    नफरतों की बस्तियाँ हो दफन। प्रीत के हम गीत सुनाएं दोस्तोंll    बंजर जमीं पर पौध लगाएं हम। धरती को फिर से सजाएं दोस्तोंll    खेतों में इमारतें दिख रही है जहां। उनको गिराकर खेत बनाएं दोस्तोंll    विश्वास […]

रहनुमा मुल्क के अच्छे जब से आने लगे, अच्छे दिन आने लगे बुरे दिन भूलने लगे। बरसों से पड़े थे जो कचरों के ढेर यहाँ, स्वच्छ अब हर गांव और शहर दिखने लगे। भ्रष्टाचार  मिट गया फैला ईमान का उजाला, हर जगह पारदर्शिता के आईने दिखने लगे। रामराज की बातें […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।