वर्तमान समय में रिश्तों में बिगाड़ और बिखराव एक गम्भीर समस्या बनती जा रही है। बात-बात पर रिश्ते बिगड़ जाना और फिर आपस में संवादहीनता का पसर जाना रिश्तों को कहीं दूर तक बिखरा देता है,जिन्हें फिर से समेटना मुश्किल हो जाता है। घर-परिवार,समाज या अन्य रिश्ते-नातों में निरन्तर आ […]

  जिन सैनिकों के भरोसे पूरे वतन की रक्षा की जिम्मेदारी हो,वो ही जवान अवसाद में आकर अपने साथी जवानों की हत्या कर रहे हैं,तो इससे वीभत्स एवं चिंताजनक स्थिति ओर कुछ नहीं हो सकती है। थोड़े दिन पहले एक सैनिक द्वारा घटिया खाने की शिकायत का एक वीडियो वायरल हुआ था,और […]

जितना जीना चाहो जी लो, जिन्दगी न मिलेगी दोबारा। एक बार ये पंछी उड़ा तो, हाथ नहीं आएगा दोबारा। सब कुछ फिर मिल जाएगा, मां-बाप नहीं मिलेंगे दोबारा। दरकने मत देना इस डोर को, टूटे रिश्ते जुड़ते नहीं दोबारा। शुक्र है सांसें आ-जा रही हैं, रूकी तो चलेगी नहीं दोबारा। […]

सामान्यतः नीतिगत विचारों को,उसके सिद्धान्तों को व्यवहार में अपनाना ही नैतिकता कहलाता है। यह नीतिगत विचार और सिद्धान्त,देशकाल,समय तथा परिस्थितियों के अनुसार सबके लिए अलग-अलग हो सकते हैं। जब इनमें भिन्नता आती है तो उसे अनैतिकता का नाम दे दिया जाता है। विचार करें तो पाते हैं-किसी के लिए भी […]

विडंबना है कि,आजादी के सात दशक बाद भी हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो सका है। सरकारी अस्पतालों का तो भगवान ही मालिक हैl ऐसे हालातों में निजी अस्पतालों का खुलाव तो कुकुरमुत्ते की भांति सर्वत्र देखने को मिल रहा है। इन अस्पतालों का उद्देश्य लोगों की […]

वर्तमान में बच्चों के भारी होते बस्तों से सभी त्रस्त हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा और सबसे आगे रहने की चाह में खुलकर कोई भी इसका विरोध नहीं करता हैl न ही खुद से कोई पहल ही करता है,क्योंकि बदले समय के लिहाज से अब यह आवश्यक लगता है। डिजिटल युग में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।