“ताजी हरी सब्जी ले लो” रोज की तरह सब्जी बेचने वाली मीना की आवाज़ अपने नियत वक्त पर मोहल्ले में गूँज उठी। नन्ही इशा झट से दरवाजे की ओर दौड़ पड़ी और मीना को रोकते हुए बोली- सब्जी वाली चाची रुकिये, रुकिये। इशा की माँ अनु ने मीना को जाने […]
काव्यभाषा
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