तपन से जलता हुआ बदन देखा एक माँ के माथे में शिकन देखा सोच में मशगूल,ऐसा चमन देखा बदहवास रहे,दिल में चुभन देखा बोझ वो अपने दिलो में लिए हुए घर से निकल कर यूँ वतन देखा वो रोती, चिल्लाती जाती इधर उधर लाल के खातिर बेचते उसे तन देखा […]
काव्यभाषा
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