माँ!माँ शब्द नहीं,भंडार है, बच्चों की सम्पूर्ण संसार है। माँ भावना और अहसास है, एक संवेदना और विश्वास है। माँ हम बच्चों की आवाज है, हमारे जीवन की आगाज है। माँ में भगवान जी का वास है, वो हमारी हरपल की सांस है। माँ मजधार की किनारा है, हमारे जीवन […]

देशप्रेम एवं बाल साहित्य के उत्तम कवि ,मालवमाटी के गौरव  बालकवि बैरागी जी ” दादा ” को सादर श्रद्धांजलि मालव  भूषण को कैसे कहें हम अंतिम प्रणाम । जी गए जीवन के क्षण लेकर भगवान का नाम ।। हम दो   –  हमारे दो का जन-जन को दिया नारा । छोटा […]

मॉ तू महान है खुद सहकर सारी विपदा संतानों को करती अद्भुत सुख प्रदान है मॉ  तू महान है बुरे संगतों से बचाकर नैतिकता का पाठ पढ़ा कर सदा करती सुखद पथ प्रदान है मॉ तू महान है मॉ तू ही जन्नत तू ही इबादत मॉ ही देवी और भगवान […]

मेरे विकलांग होने से घर और दादी कभी अकेले नहीं होते मेरे विकलांग होने से मां समझ गई है फर्क सपने और हकीकत का मेरे विकलांग होने से पिता के दांये हाथ की जिम्मेदारियां और बढ़ गई हैं मेरे विकलांग होने से भाई ने पाया है एक अनोखा आत्मविश्वास अकेले […]

तपन से जलता हुआ बदन देखा एक माँ के माथे में शिकन देखा सोच में मशगूल,ऐसा चमन देखा बदहवास रहे,दिल में चुभन देखा बोझ वो अपने दिलो में लिए हुए घर से निकल कर यूँ वतन देखा वो रोती, चिल्लाती जाती इधर उधर लाल के खातिर बेचते उसे तन देखा […]

काल है सबसे बड़ा इससे बड़ा न कोय जो काल करना चाहे वही घटित हो जाये मुठ्ठी से रिस्ते रेत की तरह काल फिसलता जाये फिर भी हर कोई काल मे समा जाये कालो का काल ही सारे जगत का नियन्ता है जिसे कहते महाकाल वही जगत अभियन्ता है।   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।