मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था ख़ाहिश-ए-ख़लीक़ इज़हार करना चाहा था धुएँ सी उड़ा दी आरज़ू पल में यार ने मिरि तिरा इस्तिक़बाल शानदार करना चाहा था भले लोगो की बातें समझ न आईं वक़्त पे मैंने तो हर लम्हा जानदार करना चाहा था तिरे काम आ सकूँ इरादा था बस इतना सा तअल्लुक़ आपसे आबदार करना चाहा था इंतिज़ार क्यूँ करें फ़स्ल-ए-बहाराँ सोचकर चमन ये ‘राहत’ खुशबूदार करना चाहा था  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 841

दिल में बस जाना फिर रूठ के चले जाना हमदम कभी मान जाना तो कभी बे-ख़ता सताना हमदम जोड़ता फिर रहा हसरतें मुहब्बत की राह में सनम इक छोर से तुझ पर आके ख़त्म हो जाना हमदम अपने इस दिल को क्या बताऊँ कहाँ जा कर बसे तू जो न […]

दिन हो, रात हो अब युवा हिन्द के करते आराम नहीं समाज बदल रहा है युवा, व्याकुलता का अब काम नहीं भारत माता की वेदी पर निज प्राणों का उपहार लाये हैं शक्ति भुजा में, ज्ञान गौरव जगाने भारत के युवा आये हैं नित नए प्रयासों से समाज को आगे ले जा रहे है देखो युवा क्या क्या नये उद्यम ला रहे है बिन्नी के साथ ‘फ्लिपकार्ट’ आया देश में नया रोजगार लाया कुणाल और रोहित की ‘स्नैपडील’ कंस्यूमर को हो रहा गुड फील देश की बेटियाँ कहाँ पीछे रहीं राधिका की ‘शॉप-क्लूज़’ आ गयी हुनर नहीं बर्बाद होता अब तहखानों में जीवन रागनियाँ मचल रही नव-गानों में समझ चुके हैं बिना प्रयास पुरुषार्थ क्षय है आगे बढ़ चले अब, भारत माता की जय है तप्त मरु को हरित कर देने की आस लगाये हैं युवा सुख-सुविधाओं की नए परम्परा लाये है भाविश का ‘ओला’, समय से घर पहुँचता शशांक का ‘प्रैक्टो’ डॉक्टर से मिलवाता दीपिंदर का ‘जोमाटो’ खाना खिलवाता समर का ‘जुगनू’ ऑटोरिक्शा दिलवाता विजय का ‘पेटीऍम’ ट्रांजेक्शन की जान सौरभ, अलबिंदर का ‘ग्रोफर्स’ खरीदारों की शान शिरीष आपटे की जल प्रणाली देश के काम आ रही बीएस मुकुंद की ‘रीन्यूइट’ सस्ते कंप्यूटर बना रही बिनालक्ष्मी नेप्रम ‘वुमेन गन सर्वाइवर नेटवर्क’ चला रहीं सची सिंह रेलवे स्टेशन पर लावारिसों को राह दिखा रहीं प्रीति गाँधी की मोबाइल लाइब्रेरी सबको ज्ञान बाँट रही डॉ. बोडवाला की ‘वन-चाइल्ड-वन-लाइट’ जीवन में जान डाल रही जादव पायेंग “फॉरेस्ट मॅन ऑफ इंडिया” जूझा अकेला आज १३६० एकड़ में ‘मोलाई’ का जंगल फैला […]

इंसाँ झूठे होते हैं इंसाँ का दर्द झूठा नहीं होता इन होंठों पर भी हंसी होती गर अपना कोई रूठा नहीं होता। मैं जानता हूं कि आंखों में बसे रुख़ को मिटाया नहीं जाता, यादों में समाये अपनों को भुलाया नहीं जाता। रह–रहकर याद आती है अपनों की ये ग़म छुपाया नहीं जाता, सपनों में डूबी पलकों की कतारों को यूं उठाया नहीं जाता। इंसाँ झूठे होते हैं इंसाँ का दर्द झूठा नहीं होता इन होंठों पर भी हंसी होती गर अपना कोई रूठा नहीं होता।  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 747

बूढ़े दरख़्त पहले से ज़्यादा हवादार हो गये इश्क़ में हम पहले से ज़्यादा वफ़ादार हो गये उनसे दिल की बात कहने का हुनर सीख लिया लब-ए-इज़हार पहले से ज़्यादा असरदार हो गये मालूँम चला मिटटी की दीवार से होते हैं रिश्ते बाख़ुदा हम पहले से ज़्यादा ज़िम्मेदार हो गये […]

छोटे से दिमाग़ में बसा ली है दुनियाँ चारों और कौन देखता है चौतीस हो गयीं बर्बाद मुजफ्फरपुर कौन देखता है उन्नाओ, सूरत, मणिपुर, दिल्ली कौनसा हिस्सा बचा मेरे हिन्दुस्तान अब रोना आता है मुझको बच्चियाँ लाचार, कौन देखता है जब तक बीते न ख़ुद पे बड़े व्यस्त हैं हम चलो प्रार्थना ही करलें पुकारें बेटियाँ कौन देखता है विनती हैं पीड़िताओं के लिये अपने अपने ईश्वर, भगवान, मालिक, ख़ुदा जिसे भी मानते है से इक बार  प्रार्थना/दुआ जरूर करे  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 517

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।