जाने-अनजाने ही जुड़ गई तुमसे मेरी हर अभिलाषा तुम्हें समर्पित मेरा जीवन अर्पण तुमको ही हर आशा मन-मंदिर में जो स्थापित है रत्न-जड़ित वो मूर्ति हो मेरे बहुरंगी स्वप्नों की तुम ही इच्छित पूर्ति हो जब भी घोर निराशा छाए देती तुम्हीं मुझे दिलासा तुम्हें समर्पित मेरा जीवन अर्पण तुमको […]

जानता हूँ कि न आएगा पलट कर तू मैं एक मील का पत्थर हूँ और मुसाफिर तू ========================== मुझे यकीन है तुझको भी इश्क है मुझसे ये और बात है करता नहीं है जाहिर तू ========================== तुझसे मिल के मेरी हस्ती ही मिट जाएगी इक ज़रा-सी आबजू हूँ मैं, समंदर […]

याद गुज़रे ज़माने आ गए क्या फिर यादों के बादल छा गए क्या ===================== अक्स मेरा उभरा जब यकायक आईना देखकर शरमा गए क्या ===================== महफिल छोड़के जाने लगे हो मेरे आने से तुम घबरा गए क्या ====================== बेरूखी बेसबब होती नहीं है मुहब्बत से मेरी उकता गए क्या ====================== […]

होकर हालात का शिकार बदल जाती है नीयत का क्या है बार-बार बदल जाती है ========================== करती है वादे सारी ज़िंदगी के ये दुनिया चलके साथ कदम दो-चार बदल जाती है ========================== पहले तो बनाती है आशना हमें अपना धीरे-धीरे छीन कर करार बदल जाती है ========================== बुझने से पहले […]

बहुत छोटा सा मसला है मगर क्यों हल नहीं होता निगाहों से मेरी चेहरा तेरा ओझल नहीं होता ============================== दीवाने तो मिलेंगे बहुत तुमको पर समझ लेना हरेक लकड़ी का टुकड़ा जानेमन संदल नहीं होता ============================== भरी होकर भी बिल्कुल ही मुझे वीरान लगती है जिस महफिल में तू मेरे […]

बस कुछ कर गुज़रना चाहता हूँ ज़माने को बदलना चाहता हूँ ====================== जहां को रोशनी देने की खातिर बनके शम्स जलना चाहता हूँ ====================== ठहर जाने का मतलब मौत ही है मैं सारी उम्र चलना चाहता हूँ ====================== रगों में दौड़ते जोश-ओ-जुनूं से नया इतिहास लिखना चाहता हूँ ====================== मरकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।