कोई आंखों से पिला दे या जाम से, मुझे सुरुर नहीं होता, मैं थोड़ा बहुत,बहुत कुछ कर लेता हूँ, मुझे गुरुर नहीं होता। एक ऐसा शख्स है जो मेरे दिल में, धड़कन में घर किए है, मैं पूरी कोशिश करता हूँ मगर ,वो मुझसे दूर नहीं होता। मैंने उसका जिक्र […]
जब भी आओगे मुझे मौजूद वहीं पाओगे, वक्त की निशानियों का एक पहरा हूँ मैं। मैं कोई दरिया नहीं जो कहीं भी बह जाऊँगा, तुम भी वाकिफ हो कि झील-सा ठहरा हूँ मैं। मौसम कोई भी आए अब न होगा गुलबहार, बारिशें भी जानती हैं बंजर सहरा हूँ मैं। बस […]
क्या बताएं, नैन कितनी बार रोए हैं, याद करके तुमको जार-जार रोए हैं। खुशमिजाजी में हमारा भी शुमार था, जाते तुम्हें देख बेशुमार रोए हैं। हमको पता है,फिर भी यूँ ही पूछ रहे हैं, याद करके हमें क्या एक बार रोए हैं। […]
वृद्घों-विधवाओं की एक मात्र सहारा पेंशन है, पर इसमें होती दलाली जो बहुत बड़ी टेन्शन है। मैं तो कहता हूँ इन दलालों की बवालबाजी बन्द करो, पेंशन बनवाने में होने वाली तिकड़मबाजी बन्द करो। ये दलाली होती है बैंकों और दलालों की साठगांठ से, उसी पेंशन से ये दलाल जीते […]
हर तरफ रंग के निशान थे, मुझे कोई रंग नहीं भाया। कोरी कागज-सी खिड़की पर बैठी रही, क्योंकि वो नहीं आया।। गाँव गलियां रंगीं सारी सखियाँ रंगीं, मैंने आँसू से पलकों को बस रंगा। तुझको क्या है खबर ऐ मेरे हमसफर, सबकुछ देकर भी हमने कुछ नहीं पाया।। जब पूछा […]
ये जमीं चूम लो,आसमां चूम लो, वक्त मिल जाए तो माँ के चरण चूम लो। कोई दुनिया में माँ का सानी नहीं, हो कभी कोई माँ को परेशानी नहीं। माँ के आंचल में दुनिया की शान्ति है, माँ के आंचल में छिप जी भर झूम लो.. ये जमीं……। माँ बिना […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।