धर्म,शिक्षा और साहित्य के लिए विश्वविख्यात देश में आज प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला वेलेंटाइन डे, भारतवर्ष के सभ्यता एवं संस्कृति के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। वर्तमान युवा पीढ़ी अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों से विमुख होते हुए अपने चरित्र का सत्यानाश रोज डे, चाॅकलेट डे, प्रपोज-डे,हग […]

आज के समय में राजनीति ने सब-कुछ अपने हित के अनुसार बाँध रखा है। छोटे से छोटा प्रतिनिधि अपने इच्छा एवं राजनीति के समीकरणों के अनुसार ही फैसले लेता है। प्रत्येक फैसले राजनीतिक लाभ एवं हानि के अनुसार ही किए जाते हैं। क्योंकि, एक छोटा से छोटा नेता अपनी कुर्सी […]

भारत की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जिसके अपने राजनीतिक समीकरण हैं। जोकि आज के समय में प्रत्येक जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। छोटी से छोटी जगह से लेकर बड़ी से बड़ी जगह पर आजकल चर्चाएं हो रही हैं। सामान्य जनता हो अथवा नेता चाय […]

वेलेंटाइन डे, अर्थात निः स्वार्थ प्रेम-दिवस क्या प्रेम जिंदा है समाज में या सिर्फ आकर्षण या हवस तक सिमट कर रह गया।आज हम रोम के क्रूर शासक जो तीसरी शताब्दी में वहाँ  विवाह न करने का आदेश दिया उसके खिलाफ संत वेलेनटाईन ने आवाज उठायी बल्कि कईयो की शादी भी […]

राजनीति में कोई किसी न तो स्थाई विरोधी है और न ही स्थाई हितैषी है। राजनीति का खेल एक ऐसा खेल है जिसमें ह्रदय का प्रयोग कम और मस्तष्कि का प्रयोग अधिक किया जाता है। प्रत्येक राजनेता अपने-अपने राजनीतिक लाभ एवं हानि का आंकलन हमेशा करते रहते हैं। जैसे किसी […]

पुलवामा आत्मघाती हमला, सरहद और संसद दोनों पर ही मानसिक हमला हुआ है, न के घाटी दहल गई बल्कि उसी के साथ भारत की वो पीढ़ी भी दहल रही है जिसके ख्वाबों में सरहद पर जा कर देश सेवा करना आता है, वो भी दहल गए जिनके दिल में राष्ट्र […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।