ये कैसी मानवता जिसमें मुझे बाहर बैठाकर पढ़ाया गया, ये कैसी मानवता जिसमें नौकरी जाने पर कालीन उठाया गया.. कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एक बताने वालों, ये बताओ महाड़ का पानी पीने पर पत्थर क्यूं बरसाया गया। पत्थर क्यूं बरसाया गया,क्या मैं सचमुच अपवित्र था, जानवर पिए भले […]

  सूरज लालिमा अपनी बिखराता, फिर से सूरज आ रहा है आँखों की बाकी नींदों पर, फिर उजाला छा रहा है, फिर  से   सूरज…l भोर का सुन आगमन तब, चिड़िया सब उड़ने लगी फिर खिलखिलाती धूप निकली, खिड़कियाँ खुलने लगी फिर हर तरफ का शोर सलोने, सपनों को उलझा […]

भीनी-सी खुशबू लेकर सुबह उठी है, अभी अभी। कुछ-कुछ अलसाई, कुछ-कुछ जागी-सी। भोर होने से पहले ही तिमिर में जागी-सी, ताजी-ताजी-सी। पहरुए उजालों के आने हैं अंधियारों के भूत, जाने को हैं। बारिश में भीगे पंछी अभी कहाँ उड़ जाने हैं, खुली राह विस्तारों की। नए दिवस का स्वागत उजास […]

  हँस-हँसकर तू डोली चढ़ना मेरी बहना, न करना परवाह जमाने की सारी बंदिशें तोड़ आऊँगा फर्ज निभाने रेशम डोरे की l सास-ससुर सब सेवा कर, निज पत्नी धर्म निभाना l सदा ध्यान रख नारी सीमा का, कुलकीर्ति सुयश बढ़ाना तुम l परिवार तरूँ की डालों पर, नित्य प्रेम पुष्प […]

रजत रंजनी तेरे मुख पर, चमक नहीं अब आएगी। तड़प-तड़प कर गुमसुम यूं ही, घुट-घुटकर रह जाएगी। एक गुफा जहाँ नहीं उजाला, ये कैसे बतलाएगी। रजत रंजनी तेरे मुख पर, चमक नहीं अब आएगी। कुछ बातें मैं यूं ही जानता, मुझसे क्या छिप पाएगी। ढँक-ढँककर बढ़ती है तड़पन, मुझको क्या […]

राखी पर्व महान है,बहन लुटाती प्यार। वह धागे से बांधती, रक्षा सूत्र अपार॥ रक्षा सूत्र अपार, सजाकर सुन्दर थाली। होते भाई प्रसन्न,लगे न जेब हो खाली॥ कह बिनोद कविराय, दिखे बत्तीसी झाँखी। खुले हृदय के द्वार, बहन जो बाँधे राखी॥                     […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।