पंचतत्व मे मिल गए अटल बिहारी महान देश की जनता ने दिया उन्हें भरपूर सम्मान पार्थिव शरीर की पवित्रता का रखा सबने खास ध्यान पुष्प गुछ से श्रद्धांजलि देना है उत्तम अपना प्रावधान अटल इन प्रावधानों से बहुत अधिक बड़े थे देशभक्ति,सेवाभाव में वे सबसे आगे खड़े थे उनके लिए […]

नव भोर हुई,नव दिन निकला चहुँ ओर चमन था उजला उजला कहीं पंछियों की चहचहाहट थी कहीं मुसाफिरों की आहट थी कहीं खुशबू कलियों की मुस्कान की थी कहीं वाणी नदियों के उफ़ान की थी कहीं गूँज मंदिरों में प्रभुनाम की थी कहीं गूँज मस्जिदों में अज़ान की थी कहीं […]

(तर्ज पल पल पल के… पास तुम रहती हो ) जय जय जय जय गुरु देव , मुझे दर्शन दो / अपनी सराण में तुम, मुझ को ले लो / जय जय जय जय गुरु देव , मुझे दर्शन दो // कल रात सपने में,  मैंने तुम को देखा था […]

विनम्र श्रद्धांजलि ॐ शांति देखते देखते ही मौसम बदल गया यकिन होता नहीं वो दुनिया से चल गया सूरज था जैसे उसने प्रकाश बिखेरा सांझ हुई जैसे और ढल गया देखते ही देखते……. चेहरे उदास हो गए नमी आँखों मे हो गई दौर उदासियों का जैसे चल गया देखते ही […]

तेरे प्रेम की गर गली जो न होती दिले चोट हम कैसे खाकर के जीते — न होता तेरा गर ये इश्के समन्दर तो प्यासों को कैसे बुझाकर के जीते — न होता तेरे प्रेम का ये तराना तरन्नुम को हम कैसे गाकर के जीते– अफ़साना होता जो गर उल्फतों […]

जब लाल किले की चोटी पर तिरंगा लहराता है हर एक भारतवासी का सीना छप्पन इंची हो जाता है!! जल, थल और नभ के सैनिक जब करतब नए दिखाते हैं        दुनियां भर के देशों को अपना सामर्थ्य बताते  हैं   तब पर्वतराज हिमालय भी महिमामण्डित हो जाता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।