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तिमिर हुआ रुखसत रात का स्वर्णिम भोर स्याह को हर ले ऊषा झांक रही झुरमुट से आ उसको बाहों में भर ले.. बीती जो बातें कल की थीं आज को अपने उज्जवल करके.. ऊषा झांक रही… स्वपन चुनौती गया है देकर सच करने का साहस कर ले ऊषा झांक रही.. […]

भारत की माटी के कण-कण में महक तुम्हारी | जन – जन  के कल्याण की जननीति तुम्हारी || सदा सुगंधित रहेगी यादों की बगिया प्यारी-प्यारी | गौरवपूर्ण आस्था संविधान में रही हमेशा तुम्हारी || अद्भुत – मनमोहक,  शुद्ध – सरल  कवि  हृदय  ‘अटल’ | माँ भारती के सच्चे सेवक, हिंदी […]

आज अपने ही अंतर्मन में झाँक रहा हूँ। आज फिर अपने आप को नाप रहा हूँ।। आरोप दूसरे पर हर पल करता है ये मन। क्यों ये अपना ही करता नही आंकलन ।। क्यों ये दुसरो के कर्मो को तराजू में तोलता है। दूसरे पलड़े में खुद को रखकर क्यों […]

दिल कहूँ दिलबर कहूँ दिलदार दिलरूबा कहूँ, कभी तुम्हें सनम कहूँ कभी तुम्हें खुदा कहूँ, ============================ हमसफर तू हमकदम तू हमदम तू हमराज़ तू, तुमको ही मंज़िल कहूँ तुमको ही रास्ता कहूँ, ============================ मौजूद ना होके भी तू हर वक्त मेरे पास है, महबूब मेरे किस तरह मैं तुझको बेवफा […]

मंत्र णमोकार जब से, मैंने भजा / यूं लगा मेरा जीवन सफल हो गया / आस्था मेरी मंत्र में बड़ाने लगी / और विशवास मेरा अटल हो गया / मंत्र णमोकार जब से मैंने भजा / मै गया विद्यासागर के सत संघ में / मेरा तन मन रंग उनके ही […]

कुछ ख्वाहिशें थी मेरी , जो सिर्फ ख्वाहिश बन कर रह गयी । कुछ अरमानों की झोपड़िया , मजबूरियों से ढ़ह गयी ।। कुछ ख्वाहिशें थी मेरी ……………….जो सिर्फ ख्वाहिश बन कर रह गयी ।।। बचपन में देखे थे मैने , बड़े-बड़े और प्यारे सपने । लेकिन जवानी में आते-आते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।