नेह डोर ऐसी बँधी, जिसका कहीं न मोल । त्याग और अनुराग का ,रिश्ता ये अनमोल ।। भावों का गुंथन हुआ, जाग उठा उल्लास । कच्चे धागे ने किया, पक्का मन विश्वास ।। राखी के त्यौहार ने, कर डाला अनमोल । वरना धागे का रहा, दो कौड़ी का मोल ।। […]

बुराई से बचने की युक्ति है रक्षा सूत्र का संकल्प बहन भाई दोनो अपनाये सद्गुण अपनाने का विकल्प रक्षा सूत्र तो निमित्त है रक्षा संकल्प अपनाने का रक्षा तो परमात्मा करेंगे फिर काहे घबराने का भाई बहन खुशहाल रहे मिलती सबसे यही दुआएँ दीर्घ आयु जीवन रहे सफल हो सब […]

1

नम आंखों से तुझे दुआ दूँ भईया कैसे तुझे भुला दूँ ये राखी जब भी आती है आँखे मेरी भर जाती है फिर भी मन को समझाती हूँ रोते रोते मुस्काती हूँ याद तुम्हारी जब आती है  दिल को कितना तड़पाती है रोली तिलक लगाऊ कैसे दूर बहुत हूँ आऊँ […]

मैं राखी हूँ सदा श्रावण महीने की पूर्णमासी के दिन आती हूँ इसलिए मैं श्रावणी कहलाती हूँ….. मैं राखी हूँ….. आदि काल से आज तक मैं भाई-बहन के पावन रिश्तों को बांधकर रखी हूँ….. मैं एक राखी हूँ….. देश के रक्षक सीमा पर तैनात सूरमा सिपाही उन भाईयों की मैं […]

1. पून्यू  भादौ मास में, राखी को त्यवहार। भाई को रक्षा बचन,बहना को अतबार।। 2. बिषनू पत्नी लिच्छमी ,कहि नारदमुनि साय। बलि को राखी भेजकर,बिष्नु को संग लाय।। 3. रीत  सनातन सूँ चली, भाइ- बहन रो प्यार। सांसारिक की रीत छै, परिवारिक व्यवहार।। 4. सरवण  पूजन भी हुवै, राखी रै […]

ये दौरे-इम्तहान है,बस खुदा का नाम लो ऐसे वक्त में तो काज़ी,नज़ाकत से काम लो क्या सोचा तुम्हारे कर्मों का हिसाब नहीं होगा अब अपनी सफाई के सारे साज़ो-सामान लो ये तमाम रियासतें धरी की धरी ही रह जाएँगीं अपने गुनाहों की माफी अब सुबहो-शाम लो जिस्म सारा दुहरा जा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।