रूठे को अब मनाता कौन है दिल के करीब आता कौन है तन्हा सफर और तन्हा जिंदगी साथ उम्र भर निभाता कौन है बड़ी मतलबी लगती है ये दुनिया अपना किसी को बनाता कौन है चलन नफरतों का चल गया जैसे चाहत भला अब जताता कौन है आँसू ये जख्म […]

दरिया भी देखा,समन्दर भी देखा और तेरे आँखों का पानी देख लिया दहकता हुश्न,लज़ीज नज़ाकत और तेरी बेपरवाह जवानी देख लिया कचहरी,मुकदमा,मुद्दई और गवाह सब हार जाएँगे तेरे हुश्न की जिरह में ये दुनियावालों की बेशक्ल बातें देखी और तेरे रुखसार की कहानी देख लिया किताबें सब फीकी पड़ गयी  […]

आ गए है भालू मामा। आज ये खूब करेंगे हंगामा। बिल्ली मौसी भी है आई। भालू के संग चल रही है उसकी लड़ाई। कैसे साथ मे अब नाचेंगे ये मिलकर। क्योंकि आज लोमड़- लोमड़ी की हैं शादी। आज लोमड़ भी नाचेगा होकर मस्त। काफी दिनों बाद उसे लोमड़ी मिली है […]

भरै पेट जद  चाहत होवै  मोगरा, पण  रीतै न इमरत  लागै सोगरा। खसबू, भारी चोखी लागै जीवा नै, बेल,मोगरा अलबेला,बेला होवैछै। बात रईसी करै तो भाँया सुणलै रै, बेला री खसबू कामणियाँ सोवैछै। काना  माँई  सैन्ट  लगावै  डोकरा। भरै  पेट जद  चाहत  होवै मोगरा। राजस्थानी फसल बड़ीछै बाजरो, थे काँई […]

प्रयास करिए पुष्प सा, जो छोटे से अस्तित्व से पूरे गुलशन को महकाये। प्रयास करिए बाँसुरी सा, जो बस जरा सी होठो की छुहन से पूरी महफ़िल के कानों में घुल जाए। प्रयास करिए माझी सा, जो दो किनारों पर खड़े लोगो को आपस मे मिलवाये। प्रयास करिए जोड़ का, […]

एक राखी का बंधन , उन भाइयों के नाम , जिन्होंने दिलाया , देश को ऊँचा आयाम , एक राखी देश की ओर से , जिन्होंने किया है रक्षा , देश के हर छोर से , एक राखी उन शहीदों के नाम , जो मर मिटे देश की रक्षा में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।