किसी से नज़रें मिलते ही, दिल लगाया नहीं जाता , हर मिलने वाले को भी ,अपना बनाया नहीं जाता / और जो दिल में, बस जाये एक बार, उन्हें उम्र भर भुलाया नहीं जाता…// माना तेरी हर अदा, मोहब्बत सी लगती है, एक पल की जुदाई भी,  मुद्दत सी लगती […]

नई उमंगें और तरंगे, लेकर आई जनवरी , नहीं होगा कोई सिकवा, और न कोई गम / प्यारी प्यारी यादो को, याद कराती ये फरवरी, जितना चाहो प्यार करो तुम, इस महीने में लोगो // इसके बाद आ रही लेकर, टेंशन बच्चो को, जिसको कहते है हम, मार्च लोगो / […]

जहाँ पर हम होते है, वहां पर आप नहीं होते , जहाँ पर आप होते हो, वहां पर हम नहीं होते  / फिर क्यों हर रोज सपने में, तुम मुझे दिखते हो ,  न हम तुमको जानते है, और न ही तुम मुझे को  // ख्बावो का ये सिलसिला , […]

कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में, ये जिंदगी है यारों, हर दिन इस तरह से गुजरेगी    / पाना तो बहुत कुछ है, पर वो मिलता नहीं / इसलिए कभी कभी, उदास भी रहती है जिंदगी // आनंद और ख़ुशी में तो ,हर कोई साथ देता है, पर गर्दिश […]

किसी के कहने से, बुरा किसी का हो नहीं सकता / की जब तक तुम्हारे, पुण्य कर्मो का उदय है लोगो / तुम्हे कोई कष्ट, कभी भी दे नहीं सकता / इसलिए तो कहते है, की धर्म सदा ही तुम करो // लिखा है जो, तुम्हारी किस्मत में / वो […]

किसी के कहने से, बुरा किसी का हो नहीं सकता / की जब तक तुम्हारे, पुण्य कर्मो का उदय है लोगो / तुम्हे कोई कष्ट, कभी भी दे नहीं सकता / इसलिए तो कहते है, की धर्म सदा ही तुम करो // लिखा है जो, तुम्हारी किस्मत में / वो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।