वफ़ा की राह को देखा नहीं है। मुहब्बत को अभी समझा नहीं है॥ किसी के प्यार की खातिर अभी तक। मिरा जीवन कुंवारा-सा नहीं है॥ किनारों पर ही रहता है हमेशा। तूने नजरों पर उतारा नहीं है॥ मिरे सब ख्वाब मां के चरण में है। तूने मां को अभी पाया […]
इतना ग़म ने भी मुझको मारा है। हाय क़िस्मत को क्या ग़वारा है।। चलते रहना तू सच की राहों में। झूठ सच से सदा ही हारा है।। कितने आरोप तुम लगा डालो। मुझको सच का बड़ा सहारा है।। कैसे नेताओं पे यक़ीन करुं। खा लिया भैंस का भी चारा है।। […]
अपने मुँह का दिया निवाला है। माँ ने ऐसे ही मुझको पाला है।। जबसे रक्खा क़दम है धरती पर। मेरी माँ ने मुझे सम्भाला है।। जब मैं चलने लगा था थोड़ा-सा। बाप ने गोद में उछाला है।। मेरी माँ जब भी रोने लगती है। प्यार से हर घड़ी सम्भाला है।। […]
भारत मेरा न्यारा है, ये प्राणों से भी प्यारा है.. तन मन धन मैं तो, यहीं वार जाऊंगा। भिड़े जो भी दुशमन, देशी या विदेशी जन.. कविता की मार दूंगा, शब्द धार लाऊंगा। स्वर्ण चिड़ी का बसेरा, विश्व गुरु देश मेरा.. मैं रक्षा की खातिर, आकाश पार जाउंगा। संस्कृति है […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।