नित उठ प्रातः कीजिए,पैदल.. पैदल लम्बी सैर। नदी निकट यदि बह रही,तैर.. सको तो तैरll    सन्ध्या वन्दन कीजिए,अनु.. दिन प्राणायाम। जितना सम्भव हो सके,शुरू.. करो व्यायामll    जो जन करते नित्य हैं,प्रातकाल.. उठ योग। स्वस्थ,सबल,दीर्घायु हो,रहते.. सदा निरोगll    योग भगाता रोग है,कांतिवान.. मुख तेज। स्वस्थ,सबल बनना चाहो,खान.. पान […]

प्रेम सहज है, प्रेम सरल है, प्रेम अचल है, प्रेम अटल है। प्रेम अतुल है, प्रेम मृदुल है, प्रेम मधुर है, प्रेम सुघर है। प्रेम शांत है, प्रेम क्लांत है, प्रेम वर्तमान है, प्रेम प्रसाद है। प्रेम अनुभूति है, प्रेम प्रतीति है, प्रेम कलाकृति है, प्रेम प्रकृति है। प्रेम है […]

खुशी अगर बाजार में बिकती, वो भी अमीरों की तिजोरी में बंद होती। न किसी गरीब को खुश रहने का अधिकार होता,न ही किसी अनाथ को। खुशी को भी धनवान लोग, अपने इशारे पर नचाते, और जब चाहे,जहाँ चाहे बुलाते। अमीर लोग कहकहों पर कहकहे लगाते, और गरीब मुस्कराने को […]

ढोंग और पाखण्ड पर,करके…प्रबल प्रहार। सत्य,ज्ञान आलोक से,किए…कबीर सुधार॥ ऐसे फक्कड़ सन्त थे,निर्भय…करते चोट। हिन्दू,मुस्लिम,पारसी, सबके…काढ़े खोट॥ पत्थर पूजें,बांग दें,इनका…किए विरोध। सबद,रमैनी पर करें,अगणित…ज्ञानी शोध॥ सन्तप्रवर तुम धन्य हो,हर…कुरीति पर तर्क। चेत गए सो बन गए,नहिं…चेते सो नर्क॥                         […]

(विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष) एक ही पैर पे नित्य खड़े रहें, आतप से न कभी घबराते। झोंके प्रभंजनों के सहते, निज पत्र से जीवन वायु डुलाते। योगी बने उपयोगी सदा, जग के नित ही यह काम हैं आते। है अभिमान नहीं इनमें, प्रिय  पादप पुण्य प्रदीप जलाते।। शंकर ने […]

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बिरहन के अंगन,बदरा क्यों बरसे, बरस कर उसके अंगन,क्यों हरषे। बिरहा की तपन न हिय से गई, बात जिया की पिया से कही न गई.. आग जिया की और बढ़ाई, तो क्यों बरसे ? ओ रे मेघा,संग लाओ पिया को, मुझ बिरहन से मिलाओ पिया से। तब अंगन में संग […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।