भारत पर गौरव करके ट्रम्प बन गए है विशेष दोनों देशों की मित्रता का दूर तक गया है संदेश हमारे स्वागत से ट्रम्प गदगद नजर आ रहे प्रेम के करिश्मे ताज पर प्यार के फूल बरसा रहे अतिथि घर आया हो तो क्लेश करना ठीक नही अपनी कमजोरियों को ऐसे […]

इधर उर्दू को मुसलमानों की भाषा के रूप में रेखांकित करने का चलन बढ़ा है. यह गलत अवधारणा है. कोई भी भाषा किसी खास मजहब की नहीं होती. हर भाषा किसी न किसी जाति ( कौम) की होती है. उर्दू भी सिर्फ मुसलमानों की भाषा नहीं है. यदि वह सिर्फ […]

घर का मिजाज कुछ बदला बदला सा, नजर आ रहा है। मानो घर में कोई, तूफान सा छा रहा है। यह मुझे घर का माहौल बता रहा है। और प्रिये तेरी नजरो में, मुझे नजर आ रहा है। लगता है पूरी रात, तुम सोये नही हो। तभी तो चेहरा मुरझाया […]

समय की रेत पर फिसल गयी जिंदगी। देखते ही देखते में ढल गयी जिंदगी।। करवटें बदल-बदल सोया निशदिन, अंत में करवट बदल गयी जिंदगी।। दुल्हन जस सजाकर रखा था इसे, हाथों से यूं ही निकल गयी जिंदगी।। हवा से बचा कर रखा था सुरक्षित , रखे-रखे बर्फ जस गल गयी […]

सिसक के गिन रही है गिनतियाँ ज़ुबाँ आएगा वक़्त और बयाँ होगा किस्सा कि सड़कों पे दौड़ रही है बच्चियाँ तख्तियां लेकर चल रहे है बच्चे यहाँ औरतें सम्भाले हुए है मोर्चा कि वक्त आने पे बयाँ होगा किस्सा लगा दिया जाता है तोहमत यहाँ पर गद्दारी का तमगा भी […]

आ रहा है भारत मे बड़ा विदेशी मेहमान आवभगत में जुटा है भारत देश महान अतिथि देव भव: की परम्परा हमारी पुरानी दुनिया में नाम हमारा सारे जग ने जानी पर गरीबी छिपाने को दीवार बनाना ठीक नही अतिथि के सत्कार में अपार खर्च भी ठीक नही अतिथि आगमन लाभ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।