फुर्सत नहीं है इंसान को इंसान से मिलने की ! ख्वाहिशे रखता है दूर बैठे भगवान से मिलने की ..! घर में जो भगवान है उन्हें पूजता नहीं ! और ढूंढ़ता फिरता है मंदिर मस्ज़िद और गुरुद्वारों में /1 मन की आंखो से प्रभु का दीदार करो ! दो पल […]
काव्यभाषा
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