जब तक सांसे चलती है गुरुदेव की महिमा गाऊ / सपने में गुरु को देखु जागू तो दर्शन पाऊ / जब माया मोह में उलझा मन ने मुझे समझाया / तब हाथ पकड़कर गुरु ने मुझे सत्य का पथ दिखलाया / गुरु चरणों को में तज कर अब और कहाँ […]

आँखों में *कजरा* बालों में गज़रा होंठो पे लाली कानों में बाली माथे पर बिंदिया पैरों में बिछिया गले में हरवा नाक नथनिया हाथ में कँगन माँग में सिंदूर हाथ में मेहंदी पाव महावर लगा के देखो आई सजनी प्यारी कर सोलह श्रृंगार लाल चुनरिया डाल सजा के करवा हाथ […]

मुरझाए पत्ते  हो  तुम, अब कैसे रुक पाओगे। कभी  जिन  हवाओ के आगे तुम ना झुकते  थे कैसे अब उनके वेग को तुम    सह    पाओगे । अपने   आख़िरी  अंजाम को अब तुम पहचान लो । इससे पहले गिरा दे  तुम्हें ये  हवाएं   क्यों   ना  अब उस पेड का […]

चौथ  व्रती  बन  पूजती, चंदा  चौथ   चकोर। आज सुहागिन सब करें,यह उपवास कठोर। यह   उपवास  कठोर , पूजती   चंदा  प्यारा। पिया  जिए  सौ साल, अमर संयोग  हमारा। कहे लाल कविराय, वारती  जती  सती बन। अमर रहे  तू चाँद, पूजती   चौथ  व्रती  बन। .             नारि सुहागिन कर रही,पूजा जप तप ध्यान। […]

सज संवर कर दीदार करती  है साजन से सजनी प्यार करती है रखती है कठिन उपवास करवाचौथ दिखे कब चाँद इंतजार करती है हर आहट पे लगता साजन चले आये खुद को कितना  बेकरार  करती है सहनशील होती है नारियां देखा है देती आवाज और पुकार करती  है घर को […]

उसके होंठों को यूँ छूता चला गया बहुत प्यासा था,मैं पीता चला गया उनकी निगाहों में कोई तो समंदर है उभरना चाहा तो खुद को डुबोता चला गया जिस्म हो कि खुशबू से भरे कई प्याले सर से पाँव तलक़ उसमें भिंगोता चला गया जुल्फें खुलके गिरी मुझपे कुछ इस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।