क्या इंसान में इंसान भी कहीं जिंदा है। क्या अभी भी इंसान का ईमान जिंदा है।। रोज दूसरे लोगो के कर्मो का आंकलन करता है। क्या अभी भी तेरे अंदर का मासूम बच्चा जिंदा है।। घटती हुई उम्र के साथ सब कुछ कहीं पीछे छूट रहा है। वो दुखो से […]
काव्यभाषा
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