क्या कोई ऐसास्कूल,विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान है जहां परमात्मा स्वयं पढ़ाते हो और वही एक मात्र शिक्षक व गुरु हो?जी हां , प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक ऐसी अनूठी आध्यात्म ज्ञान और चरित्र निर्माण की शिक्षण संस्था है जहां प्रतिदिन स्वयंं परमात्मा ही पढ़ाते है।जो पाठ प्रतिदिन ब्रह्माकुमारीज के 140 […]

हमारे देश के महत्वपूर्ण हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड के सीमान्त जनपद का नाम पिथौरागढ़ है जिसको पूरा देश छोटा कश्मीर के नाम से जानता है।इसका पुराना नाम सोर घाटी है।सोर का अर्थ होता है सरोवर। यहां मान्यता है कि पहले यहां सात सरोवर थे जो धीरे धीरे सूख गये।।यहां की भूमि […]

जय दधीचि , भारतीय संस्कृति उत्सवों और महोत्सवों की संस्कृति है। पुनीत पावन पूजनीय यह भारत की भूमि है। ये अवतारों की भूमि है ये भूमि संस्कारो की भूमि है, सारी देव सत्ता अनेकों रूपो में यहा पर विद्यमान है भारत भूमि पर जन्म लेना ही इस बात का प्रमाण […]

शिक्षक दिवस विशेष……….. ज़िन्दगी के हर मोड़ पर कुछ न कुछ सीखा मैंने उन मिलने वालों से जो कहीं न कहीं मुझे जीवन मे एक शिक्षक एक गुरु के रूप में मिले।शिक्षक शब्द का विश्लेषण करें तो ये भी हो सकता है .. शि ,,से जिसने शिक्षा दी , यह […]

भारतीय भाषाओं की चुनौतियां व समाधान परिसंवाद में उपस्थित सभी मित्रगणों को मेरा हार्दिक प्रणाम! इस परिसंवाद के प्रयत्न के लिए डॉ. मोतीलाल गुप्ता आदित्य जी, निदेशक, वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई और उनके सहयोगीयों का हार्दिक धन्यवाद! आदरणीय, यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्रता के ७२ वर्षों के […]

डयूटी के दौरान लोगों के प्रिय – अप्रिय सवालों से सामना तो अमूमन रोज ही होता है। लेकिन उस रोज आंदोलन पर बैठे हताश – निराश लोगों ने कुछ ऐसे अप्रिय सवाल उठाए , जिसे सुन कर मैं बिल्कुल निरूत्तर सा हो गया। जबकि आंदोलन व सवाल करने वाले न […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।