धर्म,शील,सत्कर्म ही तो जान है भैया। जान से प्यारा वतन हिन्दुस्तान है भैया॥ यहाँ हिन्दुओं के संग मुसलमान रहते हैं। दिल में अल्लाह के संग भगवान रहते हैं॥ भारत बने विश्व-गुरू,यही अरमान है भैया। धर्म,शील,सत्कर्म ही तो जान है भैया। जान से प्यारा वतन हिन्दुस्तान है भैया॥ दिल में मोहब्बत […]

इस दुनिया में आए हैं हम, इसका भी कोई कारण होगा। इस दुनिया को तारने वाला, कोई तो एक तारण होगा॥ प्रतिभाएँ सभी में होती, हर जीव व जन्तु में। बिच्छू में क्यों डंक है पैनी, इसका भी कोई कारण होगा ? सुख-दुख जीवन के दो सत्य, एक आता,एक जाता […]

यह सच है कि जीवन में प्यार होना चाहिए, पर प्यार में चरित्र-संस्कार होना चाहिए। मधुमय वचन सुन मन हो प्रसन्न, हर अदा में मोह-चमत्कार होना चाहिए। खुदा भी खुद को भूल जाए, हाय, सादगी संग सोलह श्रृंगार होना चाहिए। ‘सावन’ प्यार है जीवन का दैवीय उपहार, तन-मन पर प्यार […]

नौ   मास   उदरी   में    गुदरी, तुम भी क्या रख  सकते हो? पाँच  किलो का पीठ पे बोझा, बाँध पैदल क्या चल सकते हो ? माँ है वह यह काम जो करती , तुम भी क्या यह कर सकते हो ? माँ  की  ममता के   लिए  मात्र, क्या दो दिन […]

बेटी जवान, सिर का बनी बोझ दूल्हे की खोजl बेटा जवान, लाचार मम्मी-पापा हाय! बुढ़ापाl हे भगवान! किसान परेशान सिसके धान। गुलाब खिला, जीवन में महका मिट्टी में मिला। फूल महके, खग कूल चहके मन बहके। जलवे जले, जला जल-जीवन पापी तपन। धूप के तीर, नीर-तरु के तरे वर्षा से […]

(श्रीमदभागवदगीता के द्वितीय अध्याय ‘सांख्य योग’ का काव्यात्मक भावानुवाद) हे अर्जुन ! क्यों बैठे हो डरकर ? मोह-माया में फँसकर, कौन है तेरा अपना,कौन है पराया ? सबको एक दिन जाना है,जो भी यहाँ आया, तेरे उत्सुक नयनों पर,अज्ञान का पर्दा छाया। तोड़ दो मोहमय बन्धन। क्षण भर का है […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।