तेरे जाने से,अब ये शहर वीरान हो गया, तेरे जादू का असर अब जाने कहा खो गया, तेरी पायल की झंकार से, ये सारा शहर जाग जाता था, अब उन झंकारो का खतम नामों-निशान हो गया, बहुत ढूँढ़ा मैनें तुझे मुशाफिरों की तरह, भटकता रहा,छिपता रहा,कायरो की तरह, अब तक […]

देखो बारिश हो रही,मेरा दिल खो रहा है। कोई कुछ तो मुझे समझाए,मुझे क्या हो रहा है।। तेरी आँखों में मेरा दिल खो गया है। मेरा चैन जा रहा है, मुझे प्यार हो रहा है।। कोई कुछ तो मुझे समझाये,मुझे क्या हो रहा है।। परी हो तुम या हो कोई […]

ज़ख्म अपने दिल पे बेशुमार खा गया, मैं आदमी पहचानने में मार खा गया, ========================== चला था भरोसे का कारोबार करने मैं, जिसपे किया भरोसा कारोबार खा गया, ========================== बच्चे मेरे इक शाम को तरसते ही रहे, दफ्तर मेरा सारे मेरे इतवार खा गया, ========================== नींद नहीं आती मुझको रात-रात […]

धर्म स्थान कोई भी हो हो सबका सम्मान धर्म निरपेक्ष संविधान का पुरजोर रखिये ध्यान सब धर्म सीखाते आपस मे भाईचारा सबका परमात्मा एक है नाम भले हो न्यारा न्यारा कोई ज्योति बिंदू कहे कोई नूर ए इलाही लाइट ऑफ गॉड यही सतनाम भी है प्यारा प्यारा। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल […]

चुन्नू मुन्नू खेल रहे हैं पिछवाड़े की बाड़ी में। चुन्नू केवल कच्छे में है मुन्नू बस बनियायी में, भिगही कंडी सुलग रही है अंगना धरी नियाई में घर-घर गैस कनेक्शन वाला उड़ा पोस्टर झाड़ी में ………. दादी बाटी बना रही हैं चटनी पीस रही अम्मा दादू पगड़ी बांध रहे हैं […]

दारू लेके आया बन्दे , वोट लेके जायेगा । दो दिन की हाथाजोड़ी , फिर वही झमेला ।। वो नही रहे नेता , जो देश का विकास कराते थे । अब तो सारे नेता , अपने घरबार बनाते है ।। डर गयी है जनता सारी , और निर्भय हुए नेता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।