#संध्या चतुर्वेदीअहमदाबाद, गुजरात
Read Time58 Second
देखो बारिश हो रही,मेरा दिल खो रहा है।
कोई कुछ तो मुझे समझाए,मुझे क्या हो रहा है।।
तेरी आँखों में मेरा दिल खो गया है।
मेरा चैन जा रहा है, मुझे प्यार हो रहा है।।
कोई कुछ तो मुझे समझाये,मुझे क्या हो रहा है।।
परी हो तुम या हो कोई महारानी
लगता है हो तुम मेरे दिल की रानी।।
बारिश हो रही हैं, मेरा दिल खो गया है।
कोई कुछ तो बताओ,मुझे क्या हो गया है।।
चाँद से रोशन चेहरा,मेरे दिल को भा गया है।
तेरे होठों की लाली ,पर दिल खो रहा है।।
देखो बारिश हो रही हैं, मेरा दिल खो रहा है।।
कोई कुछ तो मुझे समझाओ,मुझे क्या हो रहा है।।
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
November 20, 2017
ओझल बचपन
-
August 9, 2020
प्रेरणा
-
February 13, 2021
क्या किसान आंदोलन अपनी प्रासंगिकता खो रहा है
-
April 13, 2023
जलियांवाला बाग
-
March 21, 2021
मै क्या करूँ