उजाले मंद हुए , मैं  मयखाने चला गया। जख्म उजागर ना हो,मैं पीता चला गया।। जैसे  जीवन  से  कभी  नफरत होती थी। बस मैं वैसे ही जीवन जीता चला गया।। चंद बूंदे मय की जो मुझ को छू गयी। मैं मयखाने को खुद जीता चला गया।। दिल  जो  अश्को  से  […]

कभी न कभी तो निकल आयेगा हल। ये जो आफते आ रही है  मुस्लसल।। न खटखटा कोई दर,न देख कोई राह उसके दरबार  ,बस तू   नंगे  पाँव चल ।। बीत गया गर आज अच्छा तेरा वक्त ठहर न पायेगा ,ये जो बुरा है पल।। कोशिश तू कर,न बैठ वादो पे […]

स्नेह मिला,शुभकामनाएं मिली मिल गया आपका प्यार कृपा यूं ही बनाये रखना बढ़ती रहे जीवन पतवार ईश्वर याद रहे हमेशा भूल न पाऊं उसको अवगुण कभी पास न आये याद रहे हम सबको शांति,खुशी,सदभाव की बहती रहे सदा ही ब्यार ईश्वर रहे अंग संग हमारे संसार से मिले भरपूर प्यार। […]

माना की दिल लगी है, मेरी आप से जनाब ! पर प्यार शुरू हो रहा है इसका ये मतलब नहीं यार  ! तुम दिल में कभी आते और कभी भी जाते हो जनाब , पर दिल तो मेरा दुखता है लो जान लो जनाब !! क्या करते हो कमल, आप […]

एक गृहणी मात्र घर पर ही नहीं रहती बल्कि वो घर पर ही रह सारे काम बड़ी कुशलता से निभाती है वो घर की *योद्धा* होती है सुबह से उठकर रसोई के काम बच्चों को स्कूल भेजना पति को दफ़्तर या दुकान भेजना हो चाहे सास ससुर की सेवा हो […]

नीर धीर दोनो के मिलन थे, राधा संग कान्हा परिहासे। था समय एक,ये कथा बने, लगते ज्यों कोरे गप्पे झाँसे। मन की प्यास शमन करते, वे पनघट अब सूने प्यासे हैं। मन की आशा, चुहल वार्ता, के सब ठीये  स्वयं उदासे हैं। वे नारी वार्ता स्थल थे जहाँ, रमणी को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।