दो मेधावी छात्र विनय और तेजस पक्के मित्र गुरुकुल में रहते थे। नाम अनुरूप विनय बहुत ही अच्छा और तेजस गुस्सैल बालक था। विनय चाहता था तेजस भी उसी के जैसा विनयशील बन जाए,इसके लिए विनय ने अपने गुरु रामदास जी का सहारा लिया। गुरु ने दोनों को अपने पास […]
लघुकथा
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