इस बार की ग्वालियर की यात्रा के दौरान एक पूरा दिन ‘ताज’ के नाम रहा…28 नवंबर की सुबह करीब ढाई घण्टे के सफर के बाद हम ‘उत्कल एक्सप्रेस’ से ग्वालियर से आगरा पहुंचे… इसके पूर्व करीब तीन दशक पहले यहां आया था…तब के ‘ताज’ और अब के ‘ताज’ की रौनक […]

दशहरे और दीपावली की छुट्टियां खत्म हुई हैं और अब बच्चे अपने स्कूल कॉलेज या जहां वे काम करते हैं वहां जाने की तैयारी में हैं…कुछ तो पर्व समाप्त होने के दिन से ही निकलने की तैयारी में लग जाते हैं… रिजर्वेशन चार महीने पहले जो ले रखी है… उल्लास […]

अपने गौरवशाली इतिहास की अनदेखी किये जाने का दंश झेलता रक्सौल ऐतिहासिक विरासत की उपेक्षा किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण हरदिया कोठी, रक्सौल की ऐतिहासिक विरासत को गांधी सर्किट में जोड़कर संरक्षित और विकसित किये जाने का प्रस्ताव केंद्र और राज्य के सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों तक पहुंचने के बाद भी […]

सफरनामा ————– हिंदी उर्दू की गंगाजमुनी धाराओं के बीच कुछ बातें… कुछ यादें स्कूल और कॉलेज के दिनों की… =============== 8 वीं कक्षा के दौरान मेरी पहली कविता ‘तलाश’ विद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘अरुणिमा’ में छपी थी। उन दिनों मैं रक्सौल के हजारीमल उच्च विद्यालय का छात्र था। साहित्य मर्मज्ञ […]

डा. स्वयंभू शलभ की पाँचवी किताब ‘कोई एक आशियाँ’ डूरस्टेपशोप्पी सर्विसेस प्रा. लिमिटेड के वेबसाइट पर भी उपलब्ध हो गई है। ग्वालियर स्थित आईटीएम यूनिवर्सिटी के सेमिनार हॉल में बीते सोमवार को आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में कंपनी के वाईस प्रेसिडेंट पवन तिवारी एवं सीईओ प्रभव दुबे ने किताब के […]

काल के कपाल पर लिखता हूँ… मिटाता हूँ गीत नया गाता हूँ…गीत नया गाता हूँ कितना भी लिखें… कितना भी पढ़ें…अटल गाथा पूरी नहीं होगी…जब से यह दुःखद खबर आई… वक्त की सुई ठहर सी गई है…मेरी कलम भी इन स्मृतियों से बाहर निकलना नहीं चाहती… संसद में अटल जी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।