स्वच्छता का  लेकर संकल्प किया  चहुंओर  कायाकल्प । दिया स्वच्छता ही सेवा मंत्र हुआ साकार इदौर  प्रकल्प ।। बदलने घर -शहर की सूरत स्वच्छता को बनाया आदत । कचरा फैंकते  उचित स्थान कहते गंदगी करना है गलत ।। स्वच्छ  इंदौर –  सुंदर  इंदौर फिर   बना  इंदौर   सिरमौर । देश में […]

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तुम और सिर्फ तुम मुझे मुझसे चुरा लेते हो, मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल करते हो। पानी में घुमा देते हो उंगलियां अपनी ‘ज़ाम’ कर देते हो, मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल करते हो। तकलुफ़्फ़ मुझे नहीं नज़रों को है मेरी, महफ़िल में भी काजल चुरा लेते हो, मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल […]

रिश्तों के गुलों को घर के कोनों में पड़े देखा, आज मैंने तहज़ीब को फिर मरते देखा। देखा आज अलग-अलग-सी बिकती खुशबूओं को, एक ही फूल को मंदिर और रंगीन बाजार में बिकते देखा। तू-मैं-हम सिर्फ औऱ सिर्फ एक छलावा सा है सुन ले दुनिया, बड़े-बड़े सिकंदरों को आज खाक […]

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सुनो कुछ और वक़्त ठहर जाओ न, कुछ बाकी-सा है दिल में ठहर जाओ न…। न जाने कितने दबे अरमान उफ़ान पे हैं, और न जाने कितने सैलाब दबे से हैं.. खुद में समेटने के लिए ही सही, ठहर जाओ न…। तुम आते हो,आते ही चले जाते हो, मैं रोक […]

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दुनिया कहती है,के हाथ का मेल है पैसा, बहुत कुछ है और कुछ नहीं है पैसा। फिर भी दुनिया का हर शख्स बईमान बना देता है, इतनी ताकत रखता है पैसा। भूखे की तो बस पेट की जरुरत पूरी करता है, धनवान को तो भगवान ही बना देता है पैसा। […]

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कुछ यादें,किस्से ज़ख्म समेट के, फटी उम्मीदों की चादर में लपेट के.. हर रिश्ते को अलविदा कर हम चले। घर की दर-ओ-दीवारों ने किए थे, वादे खामोश रहने के.. मेरे आँसूओं की वजह न बताने के, इन दीवारों से भी आज नागवार हो के.. हम चले..। ये कैसा आँगन, जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।