कवि: राजकुमार जैन ‘राजन’ समीक्षक: गुलाबचंद एन. पटेल   बाल कविता संग्रह “पेड़ लगाओ” राजकुमार जैन ‘राजन’ की प्रकृति के प्रति प्रेम दिखाती है | पर्यावरण संरक्षण की सीख बाल कविता संग्रह से दिया गया है | बच्चे पेड़ लगाते है और उसमें पानी का सिंचन करते है, ऐसी हरे […]

मातृभाषा का मतलब है कि, माँ से सीखी और बोली जाती भाषा का नाम मातृभाषा है | बालक जन्म के बाद पहली बार जो भाषा बोलता है, वो भाषा अपनी माँ की और उसकी मातृभाषा है | माँ से ही वो मातृभाषा सीखता है | विश्व में ६००० से अधिक […]

  स्वतंत्रता की चलाई आंधी नाम था उसका मोहन गाँधी जनता की उसने बनाई कुमक दांडी से उसने उठाया नमक कस्तूरबा से करवाया श्रम साबरमती मे बनाया आश्रम बचपन में चबाये चने इंग्लैंड जाकर बेरी स्टार बने स्वतंत्रता की ज्योति जलाई भारत देश को आज़ादी दिलाई अंग्रेज को दिखलाया डंडा […]

14 जनवरी को ये दिन पवित्र पर्व के रूप में पूरे देश में “मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है, ये दिन का भारतीय खगोल, ज्योतिष, भौगोलिक, धार्मिक एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष महत्‍व पूर्ण हे ये जानकारी बहुत कम लोगो के पास हे, उस दिन सूर्य मकर […]

हिन्दी भक्ति काव्य मीराबाई, कबीर और संत रविदास ने रचे थे | वो शिक्षा में पारंगत न होने के बावजूद एक उमदा भक्ति काव्य समाज को दिया गया है | सामाजिक चेतना और आध्त्यात्मिकता की ओर ले जाने वाले ये हिन्दी भक्ति काव्य ने भारत में संस्कृति का सिंचन किया […]

हिमालया की और ऊपर मे एक बस ढलान पर जा रहा था, उसमे एक किसान अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहा था! बस पर्वत पर आगे बढ़ रहा था! किसान ने कंडक्टर को बिनती की, कि उसे बीच में अपने गांव के पास उतारा जाय, कंडक्टर ने आगे बढ़कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।