होता तो है जीवन में कभी न कभी तनाव का अंकुरण जो फलता ही है फिर अधिकतर अवसाद के रूप में । सरल है कहना यह – कि बचें हम तनाव से करें वे उपाय , जो फलित न होने दे इसे अवसाद में । मगर होता कहां है ऐसा […]
चार भाई बहनों में बड़ी , नाजों से पली राजो का बचपन हंसते खेलते बीत गया था । कैशोर्य की अल्हड़ता और प्रस्फुटित हो रही मादकता ने उसके स्वभाव में चंचलता और स्वच्छन्दता को बढ़ा दिया था। गांव में उसके निखरते रूप और यौवन की चर्चा होने लगी थी। मनचले […]
हमेशा की तरह ही त्रस्त हैं लोग सूखते रिश्तों से आँखों के घटते पानी से और गिरते भू जल स्तर से । रिश्ते और पानी जीवन है । इनका निरंतर घटते रहना सिर्फ घटना ही नही है , यह है हमारी उस प्रवृत्ति का प्रतिफल जिसने हमे बना दिया है […]
साहित्य की अनेक विधाएं हैं । इन विधाओं में से ही एक है – गद्य लेखन । काव्य को छोड़ दें तो अन्य विधाएं भी गद्य के अंतर्गत ही आती हैं । चाहे वे – एकांकी हों , उपन्यास हों , कहानियां हों , लघुकथाएं हों या सिने स्क्रिप्ट हों […]
रिवाज़ सा हो गया है आजकल बात- बेबात पर नाराज रहने का। यह नाराजगी होती है , कभी अच्छी तो कभी देती है पीड़ा अधिक पर मैं इसे हमेशा सुखद ही मानता हूँ । चलता है इससे मन में रूठने और मनाने का द्वंद जो उपजाता है -अंततः करुणा परिणित […]
जब तक स्मार्ट फोन नही आए थे – रमेश और सुधा का दाम्पत्य जीवन हँसी – खुशी से बीत रहा था । शादी के इन पांच सालों में छूट पुट घरेलू अनबन को छोड़कर ऐसा कुछ नहीं घटा था जो उनके जीवन में बिखराव का कारण बनता । हर महीने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।