छोड़ो भी सियासत की बातें करते रहो चाहत की बातें साथी सभी को अपना बना लो करो भी जरा इबादत की बातें गद्दार मुल्क को खोखला कर रहे करो तुम जरा हिफाजत की बातें हिंदु, मुसलमान हैं आखिर इंसान करना नहीं कभी अदावत की बातें बुजुर्गों से भला कैसी नाराजगी […]
हौसला इस कदर बढ़ाते हैं दोस्त मंजिल तक पहुँचाते हैं दोस्त सच्चे साथ छोड़ते नहीं रूठ जावो तो भी वो मनाते हैं मुश्किल कितनी भी आये राहें हो चलना भी वो बही तो सिखाते हैं तपिश कितनी भी हो सूरज की छाँव हो या धूप न वो घबराते हैं थाम […]
जीने के लिए ऐतबार जरूरी है अपनो का सदा प्यार जरूरी है तन्हा सफर जिंदगी का कटता नहीं हमसफ़र कोई हकदार जरूरी है कोई तो हो ऐसा फिक्र करने वाला साथी कोई तलफगार जरूरी है मिलते है बहुत जमाने मे चोट देने वाले मरहम बनके आए दिलदार जरूरी है रिश्ते […]
मैंने कब किसी से अदावत रखी है मेरे दिल मे तुम्हारी चाहत रखी है फासले है तेरे मेरे दरमियाँ तो क्या दोस्ती मैंने अब तक सलामत रखी है दर्द ही दर्द मुझको मिलते रहे हैं मुस्कुराने की मैंने आदत रखी है तुमको मंजिल मिले आसमां सी ऊँचाई मैंने नजरें करम […]
खुद को कैसे नाराज लिख दूँ सोचता हूँ सारे राज लिख दूँ मस्ती में तुम दिन गुजार लो जीने का यही मैं अंदाज लिख दूँ मुद्दतों से तुमको देखा नहीं है कागज पे तराने साज लिख दूँ छू लो तुम ऊँचाई इस कदर हौसलों को तुम्हारे परवाज लिख दूँ एक […]
अपने दिल की हर बात लिखता रहा दिन क्या तमाम रात लिखता रहा एक पल भी आया न मुझको सुकून मैं अपने ही हालात लिखता रहा लम्हा खुशी का तो, कभी गम का खुद से ही किये सवालात लिखता रहा लोग शायर मुझको समझने लगे जबकि मैं अपने ख्यालात लिखता […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।