.                  १  सावन  शृंगारित   करे, वसुधा, नारि, पहाड़। सागर सरिता सत्यशिव,नाग विल्व वन ताड़। .                  २  दादुर  पपिहा मोर पिक, नारी  धरा  किसान। सबकी चाहत नेह जल,सावन सरस सुजान।। .              […]

कटे पेड़ के ठूँठ विराजी, बया मनुज को कोस रही। बेघर होकर, बच्चे अपने, संगी साथी खोज रही। मोह प्रीत के बंधन उलझे, जीवन हुआ क्लेश में। जैसा भी है,अपना है यह, रहना पंछी देश में। हुआ आज क्या बदल गया क्यों, कुटुम कबीला नीड़ कहाँ। प्रातः छोड़ा था बच्चों […]

हार जीत का वोट युद्ध था, कोई जीता कोई हारा। दल दलदल को भूल सखे अब, अपना लो भाई चारा। जीत किसी की नहीं चुनावी, यह तो जनमत जीता है। राष्ट्रप्रेम का भाव जगा है। देख रहा है जग सारा। हार नहीं है यह विपक्ष की, यह तो बस गठबंधन […]

बहुत दिनों के बाद आज फिर, लिखने का मन करता है। जीत हार की बाते करतें, अब भी मन डर छलता है। जीत नहीं यह मोदी की है, न हीं कमल निसान की। देश विदेशी गत घावों को, मत का मल्हम भरता है। .           ✍✍ जीत किसी की नहीं जीत […]

भारत के  संविधान  में,दिए मूल अधिकार। मानवता   हक  में  रहे, लोकतन्त्र सरकार। लोकतंत्र  सरकार, लोक  से निर्मित  होती। भूलो  मत  कर्तव्य, कर्म  ही   सच्चे  मोती। कहे  लाल कविराय, अकर्मी  पाते   गारत। मिला वोट अधिकार,बनाओ अपना भारत। .                   दाता ने  हमको  दिया, जीवन  का अधिकार। जागरूक   मतदान   से,  लोकतंत्र   साकार। लोकतंत्र […]

हिन्दी के सम्मान हित, कार्य करते दिन रात। मातृभाषा, परिवार  है, साहित  को सौगात। साहित को सौगात, सभी के सृजन  प्रकाशे। नवसृजक हितमान,सभी की कलम विकासे। कहे लाल कविराय ,साहित भाल की बिन्दी। अर्पण जैन  महान, समर्पित  जीवन  हिन्दी। .                      करते सृजन प्रकाश ये, हिन्दी  अंतरजाल। अर्पण जी छापे सभी, […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।