——————————— ऐ मानव सुनो प्रकृति को न छेड़ो स्वतंत्र बहने दो नदियों को न बाँधों इनको और न कैद करो स्वतंत्र रहने दो और मस्त रहो। —————————————- स्वतंत्रता सबको है प्यारी भला कबतक कैद रहेंगे मजबूत से मजबूत बाँध बनेंगे अपने वेग से ये जरूर तोडेंगे। —————————————- आजाद मुल्क में […]

मुझे राहत नहीं निजात दिला दो कोई तो सदा के लिए बाढ का हल बता दो। विज्ञान के इस युग में कैसी यह नीति है अचानक बाढ़ आ जाती सिस्टम सोती रहती है। सबकुछ बहा ले गया जो तिनका-तिनका जोड़ा प्रलंयकारी बाढ में अबतक न जाने कितनों ने दम तोड़ा। […]

बजट के माध्यम से बढेगी गरीबों,मजदूरों, किसानो और महिलाओ की शक्ति सभी क्षेत्रों में योजनाओं से होगी वृद्धि राष्ट्र की बढेगी आर्थिक समृद्धि । अमीरो की हाय-हाय गरीबों का सौभाग्य अतिरिक्त टैक्स चार प्रतिशत गरीबों के लिए लाएगा अनेक वित्तीय उपहार। टेक्स स्लैब में बदलाव नहीं पाँच लाख आमदनी वालो […]

ठाकुर बलदेव सिंह एक नाम ही नही वे सचमूच के ठाकुर हैं मेरा मतलब कर्म से है। दरअसल उनकी जमींदारी का रूतवा आज के दौर में भी बरकरार था।नौकर चाकर बंगला सरकार पर पहुँच क्या नही था उनके पास।बीते 4दशकों से उन्होने समय को अपने हिसाब से चलाया। कईयो को […]

आज हम मिलते हैं जोरहाट, असम के उस साहित्यकार से जिसकी लेखनी न सिर्फ कई विधाओं बल्कि कई भाषाओं में भी सरपट दौड़ती है। पूर्वोत्तर भारत का जाना-पहचाना नाम है पैसठ वर्षीय डॉ. रुणु बरुवा ‘रागिनी’ का जो खुलकर कहती हैं कि जिसे पिंजरे से प्यार हो जाए वह कभी […]

मिलावट का बाजार लगे लाला लगा धन कमाने में सारी सामग्री दवाओं में लिपटी जंग लग रही देश के होनहारो में। बढती रासायनिक प्रयोग अब सितम ढाने लगा दाल रोटी साग सब्जी फल भी जबसे रासायनिक प्रयोगो द्वारा उपजने लगा। बढ़ते रोगो से इंसान वक्त से पहले ही धरती से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।