जब सीखा था बोलना, और बोला था माँ। जो लिखा जाता है, हिंदी में ही सदा।। गुरु ईश्वर की प्रार्थना, और भक्ति के गीत। सबके सब गाये जाते, हिंदी में ही सदा। इसलिए तो हिंदी बन गई राष्ट्र भाषा।। प्रेम प्रीत के छंद, और उसी के गीत। गाये जाते हिंदी […]

तुम्हे क्या कहूँ में, समझ नही आ रहा। दिल मेरा धड़क रहा, पर दिख नही रहा। लगी है चोट दिल पर, जो किसी को दिखती नही। पर दिल तेरा धड़क रहा, मेरे दिल मे आने के लिए।। मिलेगा प्यार तुम्हे हमसे, यकीन है क्या तुम्हे। बसोगी सांसो में मेरी यकीन […]

सियासत की करवट, उधेड़बुन में उलझी मध्यप्रदेश कांग्रेस, बारिश के मौसम में भी भोपाल का बढ़ता तापमान, अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ के खिलाफ मंत्री के ऊँचें स्वर, आबकारी अधिकारी की सौदेबाजी, विधायकों को हिस्सा दिलवाना, अपनी ही सरकार के मंत्री का पुतला जलना, राजा-महाराजा का बगावत पर उतर आना, […]

तुम दीप जलाते हो, में रोशनी देता हूँ। तुम दिल जलाते हो, में खुद जलता हूँ। तुम प्यार करते हो, हम प्यार निभाते है। तुम खूबसूरती देखते हो। में गुण तलाशता हूँ। तुम्हे अमीरी भाती है। मुझे इंसानियत आती है। तुम दिखावा करते हो। हम हकीकत देखते है।। कहाँ जाएं […]

शिक्षक दिवस के अवसर पर इस दुनिया में मुझे जितने भी लोगों से छोटी से छोटी कोई भी बात सीखने का अवसर मिला, उन सभी गुरुओं को मेरी तरफ से समर्पित है मेरी एक छोटी सी कविता – मैं गुरुओं की महिमा गाँऊँ, उनके उपकार को बतलाऊँ । किन शब्दों […]

दिया मुझे शिक्षकों ने, हर समय बहुत ज्ञान। तभी तो पढ़ लिख सका, और कुछ बन पाया हूँ। इसलिए मेरी दिल में, श्रध्दा के भाव रहते है। मैं जो कुछ भी हूँ आज, उन्ही के कारण बन सका। मैं उनके चरणों में, झुकता हूँ शीश अपना।। जीवन में शिक्षा का, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।