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मोहब्ब्त तुमसे है शिकायत तुमसे है, लासानी-सी ज़िंदगानी तुमसे है। मेरे रब की इबादत तुमसे है, मेरे घर की बरक़त तुमसे हैl मेरी ज़िंदगी की उपमा तुमसे है, मेरी ज़िंदगी का अलंकार तुमसे हैl मेरी हिन्दी का छंद तुमसे है, मेरी उर्दू का नुक्ता तुमसे हैl तेरी मोहब्बत मेरे लम्हों […]

न काम कोई …………… दवा आएगी, न काम कोई …………… दुआ आएगी मौत आकर खड़ी होगी जब सामने, हंस उड़ जाएगा,काया रह जाएगी…। न काम कोई ………॥ किसे है पता काल के चक्र का, तोड़ जीवन  मरण के वक्र का अनहोनी होनी में बदलेगी जब, न उस वक्त कोई सदा […]

बाइस अगस्त सत्रह का दिन, सखी ऐतिहासिक व नारीत्व का रक्षक हो गया। पिसती हुई एक आबादी की जिन्दगी सँवर गई। पुरातन पुरुषवादी संकीर्ण एक सोच से आज नारी मुक्त हो गई। ईद का त्योहार आज सब हैं मना रहीं। उनके संग हम भी दिवाली मना रहे। नारी तो है […]

मैं जातक हूँ हिन्दुस्तां का, है वतन मेरा साकी भारत। माँ-बाप ने दे जन्म जहाँ, सब गुण सिखला जहाँ तहां के। बन गुरू ज्ञान का पाठ दिया, बतलाए पथ सब जनता के। उस देश के हैं पर देशी सब, बन ताकत मित्र सहायक जो। हर पग पर राह दिखाते हैं, […]

जमाने के कई रंग देखे हैं हमने, कभी तपती धूप,कभी बारिश में उजाले देखे हैं हमने। जो इंसा सब कुछ खोने को तैयार है हमारे लिए, उसी के काले निवाले देखें हैं हमने। जब से होश संभाला है,धरती पर रेंगता है इंसान, उसी इंसान को उड़ती हवाओं में देखा है […]

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हम सबको मिलकर अब,काम ये करना होगा, स्वप्न जो थे वीरों के,उन्हें पूरा करना होगा। हो गए जो धूमिल यहां रिश्तें अंधकारों से, उन रिश्तों को फिर प्रकाशित करना होगा॥ लूट ले गए जो भारत की धन दौलत को, उनको एक बार फिर धनी हो के दिखाना होगा। आ रहे […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।